जय श्री राम उद्घोष करते हुए उठा दी 110 किलो की बाइक

वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व पार्षद विनोद शर्मा ने मनाया 65वां जन्मोत्सव.
सहपाठियों ने अपने खेल कौशल और दमखम का अनुभव किया सांझा.
मित्रता के बीच में अमीरी और गरीबी कभी भी नहीं बनती बाधक

फतह सिंह उजाला

पटौदी । जय श्रीराम.. जय श्रीराम… जय श्रीराम,  का उद्घोष करते हुए 65 वर्षीय युवा ने 110 किलो वजन की बाइक को हंसते-हंसते उठा दिया , यह कोई करतब अथवा दमखम दिखाने का मौका नहीं था । वास्तव में पटौदी हलके के हेली मंडी क्षेत्र के निवासी वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व पार्षद विनोद शर्मा के द्वारा अपना 65वां जन्मोत्सव अपने सहपाठियों और मित्रों के अनुरोध पर इस लक्ष्य और उद्देश्य के साथ मनाया गया कि सभी सहपाठी एक लंबे अंतराल के बाद कम से कम एक बार तो आपस में बैठकर बचपन से लेकर कोरोना काल तक की अपने-अपने अनुभवों को साझा कर लें।

मंगलवार को हेली मंडी की यादव धर्मशाला में आयोजित इस अनोखे सहपाठी मिलन समारोह और जन्मोत्सव के मौके पर विशेष रुप से वयोवृद्ध समाजसेवी लाला रतन लाल अग्रवाल, राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त मास्टर नंदलाल शर्मा, मानव निर्माण अभियान के केंद्रीय प्रचारक सुशील गिरी , भागवत कथा वाचक पंडित देवेश कृष्ण सच्चिदानंद, आयोजन के सूत्रधार गुरुग्राम के प्रख्यात व्यवसाई नरेश अग्रवाल, जीआरपी चैकी प्रभारी कृष्ण लाल, इंटरनेशनल कबड्डी खिलाड़ी दिलीप छिल्लर, हेली मंडी पालिका के पूर्व चेयरमैन शिव कुमार गुप्ता, व्यापार मंडल के अध्यक्ष रमेश गर्ग, समाजसेवी सुरेंद्र गर्ग, पार्षद मदन लाल अग्रवाल, अनिल भारती, पार्षद राजेंद्र गुप्ता, आरसी भारद्वाज, राजेंद्र व्यास, युवा समाजसेवी कमल गोयल, नंबरदार अजीत सेन, विजय भारद्वाज सहित अनेक सहपाठी-साथी मौजूद रहे ।

इस मौके पर सहपाठियों के बीच स्वयं को मौजूद पाकर पूर्व पार्षद विनोद शर्मा ने कहा कि जीवन में सबसे अधिक शक्ति अथवा ताकत माता पिता की गई सेवा के बदले में मिले आशीर्वाद और मित्रों के साथ व्यतीत किए गए समय के अनुभव से प्राप्त होती है । उन्होंने कहा की ब्रह्मांड में भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता से श्रेष्ठ कोई भी अन्य उदाहरण ना हुआ , ना होगा, ना हो सकेगा । भगवान श्री कृष्ण और ब्राह्मण दीन हीन सुदामा की मित्रता का सार बताते हुए विनोद शर्मा ने आध्यात्मिक और ईश्वरीय कृपा बताते कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने सुदामा के द्वारा लाए गए जो चावल ग्रहण किए थे , वास्तव में भगवान श्री कृष्ण ने सुदामा की गरीबी और दरिद्रता को स्वयं ही आत्मसात कर सुदामा को उसकी गरीबी का एहसास भी नहीं होने दिया । सीधा और सरल शिक्षा भाव यही है कि दोस्ती अथवा मित्रता के बीच में गरीबी और अमीरी कभी भी बाधक नहीं बनती है । बशर्ते आपकी निष्ठा और श्रद्धा सच्ची और पवित्र होनी चाहिए। इसी मौके पर उन्होंने युवा वर्ग को संदेश देते हुए कहा कि प्रकृति से प्रेम करें, पर्यावरण का संरक्षण करें, माता-पिता का कहना मानते हुए खासतौर से बुढ़ापे में सेवा का कोई भी मौका व्यर्थ न जाने दें, महिला का सम्मान करें, गरीब और जरूरतमंद की यथा सामर्थ मदद करें। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण है अपने धन, दौलत, बल और ऐश्वर्य पर कतई भी गुरुर नहीं करना चाहिए ।

मानव निर्माण अभियान के केंद्रीय प्रचारक सुशील गिरी ने मौजूद सभी लोगों को संदेश देते हुए कहा कि आज हम सभी का दायित्व है कि आज की भटकती युवा पीढ़ी को सही मार्गदर्शन दें और अपने प्राचीन संस्कृति-संस्कार और धर्म ग्रंथों के विषय में अवश्य बताते हुए इनको जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित भी करें । वयोवृद्ध समाजसेवी लाला रतन लाल अग्रवाल ने कहा भारतीय सनातन संस्कृति दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है । बच्चों को अपनी इसी संस्कृति के विषय में अवश्य बताएं और समय-समय पर धार्मिक अनुष्ठान के माध्यम से बच्चों में संस्कार का बीजारोपण भी करते रहें । यही हमारी सबसे बड़ी मानसिक और शारीरिक ताकत है । इस ब्रह्मड में जितने भी महाबली हुए हैं , उन्होंने सात्विक जीवन जीते हुए हमेशा भगवान को याद किया और गुरु के साथ-साथ अपने माता-पिता की सेवा करते हुए उनके आदेशों की पालना भी की है । इन सब बातों से सभी को शिक्षा लेते रहना चाहिए। 

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