-कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने कहा रिकार्ड जलने के बाद विजिलेंस को सौंपी 200 करोड़ के घोटाले की जांच. -आंकड़ों से बताया उतर क्षेत्र के मुकाबले दक्षिण हरियाणा के उपभोक्ताओं को डेढ़ रुपये महंगी मिल रही है बिजली

चंडीगढ़ / फरीदाबाद – फरीदाबाद नगर निगम में बिना काम हुए 180 करोड़ रुपये के भुगतान का घोटाला विधानसभा के बजट सत्र में भी गूंजा। एनआइटी क्षेत्र के कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दों को रखा। शर्मा ने कहा कि बिना काम घोटाले की जांच सरकार ने विजिलेंस को तब सौंपी जब इसका रिकार्ड जल गया। मंडलायुक्त और निगमायुक्त स्तर की जांच पहले ही ठंडे बस्ते में डाल दी गई हैं। इस भुगतान में सिर्फ ठेकेदार ही नहीं बल्कि कई राजनेता और आइएएस स्तर के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं। शर्मा ने कहा कि नगर निगमों में यह अकेला भ्रष्टाचार का मुद्दा नहीं है। अभी हाल ही में चंडीगढ़ में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष द्वारा बुलाई भाजपा समर्थित महापौरों ने केंद्रीय प्रभारी के समक्ष स्वच्छ भारत मिशन में हुए 56 करोड़ रुपये के घोटाले के बारे में बताया था।

सिर्फ नगर निगम ही नहीं बल्कि बिजली विभाग में भी भ्रष्टाचार चरम पर है। शर्मा ने कहा कि इसके चलते दक्षिण हरियाणा के उपभोक्ताओं को डेढ़ रुपये प्रति यूनिट बिजली महंगी मिल रही है। उत्तर क्षेत्र के बिजली निगम में बिजली चोरी ज्यादा है मगर उसकी भरपाई दक्षिण हरियाणा के उपभोक्ताओं से की जाती है। उत्तर क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की लागत 60 पैसे और बिजली चोरी पांच फीसद ज्यादा है। विधायक ने कहा कि बिजली निगम ने मीटर पिलर बाक्स घोटाले के आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया हुआ है मगर अभी तक सीएम के आदेश का पालन नहीं हुआ क्योंकि विभाग में भ्रष्टाचार हावी है। कांग्रेस विधायक ने सवाल किया कि पिछले बजट के दौरान सीएम ने आश्वस्त किया था कि सीवर के ढक्कन बदलने का काम सेवा के अधिकार में शामिल होगा मगर अभी तक सेवा के अधिकार का आयोग के चेयरमैन ही नहीं बने। लोग शिकायत करें तो कहां करें।

नीरज शर्मा ने सस्ती दरों पर सरकार से जमीन लेकर स्कूल व अस्पताल बनाने वालों पर शिकंजा कसने की मांग करते हुए कहा कि कोरोना काल में पहली के बच्चे की आनलाइन क्लास की फीस वसूली जा रही है। फरीदाबाद में 1947 में बीके अस्पताल बना था इसके बाद 25 लाख की आबादी के लिए कोई नया अस्पताल राज्य सरकार ने नहीं खोला गया। निजी उद्योगों की नौकरियों में 75फीसद आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस विधायक ने कहा कि जब नौकरियां ही नहीं है तो इस आरक्षण का क्या फायदा। ऐसे तो सरकार 100 फीसद आरक्षण भी कर दे तो इसका युवाओं को कोई फायदा नहीं होगा।

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