विवाह की वर्षगांठ पर सासू मां गुलाब कोर ने दीया आशीर्वाद       एमएलए दंपति एसपी जरावता ने एक दूसरे को पहनाई मालाएं        बच्चों रोहित  और कमलप्रीत ने तैयार करवाया यादगार केक                                                                               

फतह सिंह उजाला                                             

 पटौदी I एक प्रकार से देखा जाए तो सभी का जीवन व्यक्तिगत जीवन ही होता है  I लेकिन इस जीवन में कुछ कार्यक्षेत्र इस प्रकार के होते हैं की फिर व्यक्ति चाह कर भी जीवन को व्यक्तिगत नहीं रख पाता और अक्सर ऐसे मौके जीवन के पड़ाव में आते हैं कि समर्थकों और चाहने वालों को नजरअंदाज किया जाना संभव ही नहीं रहता है  I    

 सक्रिय राजनीति अर्थात पटौदी का एमएलए बनने के बाद एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश  और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सरला देवी के लिए अंतरष्ट्रीय महिला दिवस दोहरी खुशियां लेकर आया I  एक तो महिला दिवस ऊपर से एमएलए सत्य प्रकाश जरावता दंपति के विवाह की वर्षगांठ  I  इस मौके को यादगार बनाने के लिए एमएलए  के समर्थकों और चाहने वालों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी  I 

   महिला दिवस के साथ-साथ विवाह की वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए हेली मंडी के पास पैलेस में खास तौर से तैयारियों सहित समारोह का आयोजन किया गया I  यहां पहुंचने पर पटौदी नगर पालिका के चेयरमैन चंद्रभान सहगल वाइस चेयरमैन जर्मन सैनी राधेश्याम मक्कड़ श्रीपाल चौहान गुरु ग्राम सरपंच एकता मंच के अध्यक्ष सुंदरलाल जिला पार्षद भूपेंद्र पड़ासोली पार्षद मनोज कुमार जर्मन सैनी कृष्ण लाल यादव श्रीपाल चौहान पी एल वर्मा सहित अनेक लोगों के द्वारा एमएलए दंपति को बधाई के साथ-साथ शुभकामनाएं दी गई I  इस खास मौके पर एमएलए दंपति सत्य प्रकाश और श्रीमती सरला देवी ने परिवार के बुजुर्ग सासू मां गुलाब कोर की मौजूदगी में और अपने बच्चों रोहित प्रभास तथा कमलप्रीत की मौजूदगी में विवाह की वर्षगांठ का केक काटकर सभी समर्थकों और चाहने वालों के बीच में खुशियों को साझा किया  I एमएलए दंपति के बच्चों रोहित प्रभास और बेटी कमलप्रीत की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा , वहीं तमाम समर्थकों और चाहने वालों के साथ साथ रिश्तेदारों ने भी बधाई और शुभकामनाएं दी  I   

इस मौके पर एमएलए सत्यप्रकाश  ने कहा कि आज वह जिस मुकाम पर पहुंचे हैं इस मुकाम तक पहुंचने अथवा लाने में महिलाओं में उनकी मां और ग्रहणी के रूप में पत्नी का सबसे अधिक साथ और योगदान रहा है I राजनीति में आने से पहले एक दौर ऐसा भी आया जब बैंक की नौकरी छोड़कर चुनाव लड़ा तो उसके बाद में परिवार का सारा खर्च और जिम्मेदारी उनकी पत्नी श्रीमती सरला देवी नहीं बखूबी निभाई  I वही मां गुलाब कोर के द्वारा भी निरंतर हौसला अफजाई की जाती रही आज जिस भी मुकाम पर पहुंचने का मौका मिला इसके पीछे सीधे और सरल शब्दों में महिला शक्ति का ही सबसे बड़ा योगदान और सहयोग रहा है  I 

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