भिवानी/मुकेश वत्स

 लेबर क्रांति मोर्चा व जनसंघर्ष समिति ने उपायुक्त के नाम डीआरओ प्रमोद चहल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से कोरोना काल के दौरान प्राईवेट स्कूलों द्वारा बेहताशा फीस वृद्धि का विरोध किया गया।

इस मौके पर मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेद्र तंवर ने कहा कि सरकार द्वारा निर्देश दिया गया था कि कोरोना काल के दौरान किसी भी स्कूल की फीस में बढ़ोत्तरी न किया जाए और न ही एडमिशन फीस व अन्य चार्ज लिए जाएं। लेकिन प्राईवेट स्कूलों द्वारा एडमिशन फीस की भरपाई करने के लिए हर कक्षा की 500-500 रूपये फीस बढ़ा दी गई और भिवानी में एक स्कूल ने तो हद ही कर दी, जहां कोरोना काल के दौरान पहली कक्षा की फीस 750 रूपये थी, उस स्कूल ने बढ़ाकर अब 1300 रूपये थी तथा पांचवी कक्षा की फीस हजार की बजाए बढ़ाकर 1500 रूपये कर दी और स्कूल प्रबंधक अभिभावकों को धमकियां दे रहे है कि आपके बच्चों का नाम स्कूल से काट दिया जाएगा तथा न ही उन्हे परीक्षा दिलवाई जाएगी।

एडमिशन व अन्य चार्ज हर वर्ष हर बच्चें से 10 से 15 हजार रूपये तक लिया जाता है। जबकि संवैधानिक रूप से बच्चे का एडमिशन फीस एक बार ही ली जानी चाहिए। प्राईवेट स्कूलों के प्रबंधकों ने शिक्षा के नाम लूट मचा रखी है। भिवानी की अधिकांश जनता मध्यम वर्गीय या गरीब परिवार से संबंधित है। एक तो वैसे ही कोरोना काल में उनका व्यापार प्रभावित है, ऊपर से प्राईवेट स्कूल मनमानी फीस वसूल कर अभिभावकों को तंग कर रहे हैं। अगर प्रशासन द्वारा इन स्कूलों के द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो लेबर क्रांति मोर्चा व जनसंघर्ष समिति भिवानी शहर में एक बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगी।

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