-कमलेश भारतीय

हिसार की उपायुक्त डाॅ प्रियंका सोनी को यों ही नहीं मिल गया -इंदिरा गांधी महिला शक्ति पुरस्कार । इसके पीछे उनके नये नये आइडियाज और योजनाएं हैं महिलाओं के लिए । वे चाहे करनाल रहीं या फिर कैथल या आजकल हिसार उन्होंने हर जगह।महिलाओं के लिए नयी योजनाएं बनाईं जो व्यावहारिक भी रहीं और सराही भी गयीं । करनाल में उन्होंने नर्सिंग मदर्ज के लिए योजना बनाई तो कैथल में काॅलेज जाने वाली छात्राओं के लिए विद्या वाहिनी बस शुरू करवाई ताकि उन्हें किसी तरह भी दिक्कत न आए अपने काॅलेज तक शिक्षा प्राप्त करने की । यह विद्या वाहिनी अभी तक चल रही है । कैथल में ही ग्रामीण महिलाओं के लिए महिला दिवस पर फिल्म फेस्टिवल शुरू किया जो हिसार में पिछले वर्ष आयोजित किया सनसिटी में । इसमें वही फिल्में दिखाई गयीं जिनसे महिलाओं को प्रेरणा मिल सके । यह पूरे एक सप्ताह तक चला ।

हिसार आईं तो अपने मिशन को आगे बढ़ाती गयीं । यहा आप जब सेक्रेटेरियट जाते हैं तो वहां एक स्टाॅल आपका ध्यान खींचे बिना नहीं रहता । इसका नाम है -हुनर । यानी महिलाओं के हुनर से बनाये सामान की बिक्री ताकि उन्हें प्रोत्साहन मिल सके । यही नहीं इसके साथ मिशन चहक चलाया जिसके लिए पहले ही इन्हें सम्मानित किया जा चुका राज्यपाल द्वारा । इसीलिए कहा कि यों ही नहीं मिल गया डाॅ प्रियंका सोनी को इंदिरा गांधी महिला शक्ति पुरस्कार । वे हिसार के पर्यटन व प्राचीन धरोहरों को संभालने की योजना पर भी काम कर रही हैं । वे पहले एमबीबीएस डाॅक्टर रहीं और वै बखूबी जानती हैं कि मनुष्य और समाज के रोग या समस्या को कैसे हल किया जाये ।
डाॅ प्रियंका सोनी को इंदिरा गांधी महिला शक्ति पुरस्कार मिलने पर हार्दिक शुभकामनायें ।

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