बहादुरगढ बाईपास पर आंदोलनरत किसान ने की आत्महत्या

सर्विस रोड के साथ पेड़ पर रस्सी बांधकर लगाई फांसी।. हिसार के सिसाय गांव का रहने वाला था किसान राजबीर।
सुसाइड नोट में राजबीर ने लिखा है कि इस कदम के लिए तीन कृषि कानून जिम्मेदार हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि केन्द्र को इन कानूनों को निरस्त करके उसकी आखिरी इच्छा पूरी करनी चाहिए.किसान राजबीर ने सुसाइड नोट में खुद को दीपेंद्र हुडा और बलराज कुंडू का फैन भी बताया।

हिसार जिले के एक किसान ने रविवार को टीकरी बॉर्डर विरोधस्थल से लगभग 7 किलोमीटर दूर एक पेड़ से फंदा लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने बताया कि केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का समर्थन करने वाले 49 वर्षीय किसान ने कथित तौर पर एक सुसाइड नोट छोड़ा है. बहादुरगढ़ शहर पुलिस थाने के एसएचओ विजय कुमार ने फोन पर बताया, ‘पीड़ित राजबीर हिसार जिले के एक गांव का रहने वाला था.’ कुछ किसानों ने राजबीर का शव फंदे से लटकते हुए देखा और इसकी सूचना पुलिस को दी.

सुसाइड नोट में बताई आखिरी इच्छा

पुलिस ने बताया कि राजबीर द्वारा कथित तौर पर छोड़े गए सुसाइड नोट में उल्लेख किया गया है कि उसके द्वारा उठाए गए इस कदम के लिए तीन कृषि कानून जिम्मेदार हैं. उन्होंने (राजबीर) इसमें यह भी कहा है कि केन्द्र को इन कानूनों को निरस्त करके उसकी आखिरी इच्छा पूरी करनी चाहिए.

केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का समर्थन करने वाले हरियाणा के जींद के रहने वाले एक किसान ने पिछले महीने टीकरी बॉर्डर विरोधस्थल से मात्र 2 किलोमीटर दूर एक पेड़ से फंदा लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. इससे पहले हरियाणा के एक और किसान ने टीकरी बॉर्डर पर कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खा लिया था. उसकी बाद में दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. गत दिसंबर में पंजाब के एक वकील ने टीकरी बॉर्डर पर विरोध स्थल से कुछ किलोमीटर दूर जहरीला पदार्थ खाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.

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