अच्छी राहों और सफलताओं का इंतजार करते हुए दिल लगाकर मेहनत करते रहो –  गौरी मिश्रा। (प्रसिद्ध कवियत्री)

जतिन/राजा

महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।वैसे तो हर दिन महिला दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। लेकिन यूनाइटेड नेशन द्वारा हर साल 8 मार्च को स्पेशल महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।इसी के चलते राष्ट्रीय यूथ आइकॉन व देश की युवा कवियत्री गौरी मिश्रा से हमारे संवाददाता जतिन की हुई बातचीत में कवयित्री ने महिलाओं के बारे में कविताओं के अंदाज़ से बयां किया।

गौरी कहती हैं कि नारी क्या है यह नारी को खुद जानने की जरूरत है और खुद को पहचानने की जरूरत है चाहे कितना भी टूटना पड़े बिखरना पड़े ,पर परमात्मा की दि हुई इन सांसों को हमें तब तक नहीं तोड़ना है जब तक वह परमात्मा खुद हमारी सांसो को नहीं तोड़ेगा।दुनिया वालों को,ज़माने को हम यह हक नहीं दे सकते कि वह हमें तोड़ सके।

गौरी महिलाओं को अपना संदेश देते हुए कहती हैं कि हमें अच्छी राहों और सफलताओं का इंतजार करते हुए जी जान से मेहनत हमेशा करते रहना चाहिए।

अंत मे वे एक कविता सुनाकर अपनी बात पूरी करती हुई कहती हैं कि मैं भारत की नारी हूँ ,जीती मैंने हर एक बाज़ी,कब किससे मैं हारी हूँ ,मैं भारत की नारी हूँ।सुख-दुख  सब हँसके सहना सब की सेवा करते रहना,प्यार मोहब्बत धर्म है मेरा,शर्म हया है मेरा गहना,रिश्ते सारे मुझको प्यारे,मैं भी सबको प्यारी हूं,मैं भारत की नारी हूँ,मैं भारत की नारी हूँ।

error: Content is protected !!