भिवानी। हलवासिया विद्या विहार स्कूल में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर युवा महिला जनचेतना मंडल द्वारा 25 वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाया गया कार्यक्रम में अच्छी हरवीर सिंह की धर्मपत्नी स्नेह लता ने मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की. कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ मधुमालती बिना अरोड़ा सरला शर्मा तथा संजय गौतम द्वारा दीप प्रज्वलित एवं उत्पादन किया गया संजीव गौतम ने बताया स्वामी दयानंद सरस्वती ने नारी को पुरुष के बराबर दर्जा दिया था सी जाति के लिए उन्होंने शिक्षा के द्वारा खोलें उन्होंने समाज में महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार दिलाए स्वामी जी के निर्देशानुसार आर्य समाज ने पूरे देश में कन्या पाठशाला एवं गुरुकुल खोलें विधवाओं को पुनर्विवाह का अधिकार प्रदान कर आर्य समाज में नारी सशक्तिकरण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. अनीता भाटिया ने अपने उद्बोधन में बताया कि कोविड-19 के कहर से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है इस महामारी के दौर में करो ना योद्धाओं में अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर माननीय सेवा की मिसाल पेश की इसलिए आज का दिन उनके नेतृत्व को एक पहचान और सम्मान देने का वक्त है आज महिलाओं के सहयोग के चलते समस्त विश्व का चौमुखी विकास हो रहा है अंजू शर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के कई कारण हैं महिला चाहे मां बेटी पत्नी बहन चाहे कोई रिश्ता हो हर जगह सम्मान की समान हकदार है. आचार्य बजाज ने बताया कि महिला चाहे शिक्षक डॉ पत्रकार सैनिक सरकारी कर्मी इंजीनियर जैसे किसी भी पैसे में हो या फिर ग्रहणी क्यों ना हो समानता का अधिकार उन्हें भी उतना ही है जितना कि पुरुषों का आधी आबादी के तौर पर महिलाएं समाज सामाजिक जीवन का एक मजबूत आधार है महिलाओं के बिना जीवन की कल्पना व्यर्थ है इस दुनिया को खूबसूरत बनाने में महिलाओं का योगदान अद्वितीय है यह सर इस अवसर पर श्री राघव प्रतिभा गोयल की किरण मखीजा सिंपल बजाज पूनम पवार प्रीति यादव मीनू तुम अरविंद वर्मा बबीता अंजू आदित्य अनुराधा रजनी शर्मा कविता जिंदल मधुबाला कोमल हंजू नेता रेखा विजयलक्ष्मी मीनाक्षी कविता भाटी कांता दांगी रेखा शादी शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर वंदना शर्मा अंजू शर्मा गॉड कृष्णा कौशिक ममता निकिता बागड़ी शालिनी गुप्ता नेता नाथ आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे Post navigation भिवानी बार एसोसिएशन के न्यायिक सेवा प्रशिक्षण परीक्षा में नीरज भारद्वाज रहे प्रथम शिक्षा समाज पोषित एवं संवेदना पैदा करने वाली हो: जितेन्द्र भारद्वाज