बहाली की मांग को लेकर 264वें दिन भी जारी रहा पीटीआई का धरना
भिवानी/मुकेश वत्स
एक तरफ तो सरकार व प्रशासन वूमन सप्ताह मनाकर महिला सशक्तिरण का ढि़ंढ़ोरा पीट रही है, वही दूसरी तरफ महिलाओं का उनसे रोजगार छीनकर उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा कर रही है। इसके साथ ही दिवंगत पीटीआई की विधवाओं को मिलने वाली पेंशन के हक से भी महरूम किया जा रहा हैं।
यह बात हरियाण शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिलबाग जांगड़ा ने लघु सचिवालय के बाहर पिछले 264 दिनों से लगातार बहाली की मांग को लेकर चल रहे पीटीआई के धरने को संबोधित करते हुए कही।
इस मौके पर धरने को संबोधित करते हुए पूर्व राज्य प्रधान राजेश ढ़ांड़ा, ज्ञान-विज्ञान समिति से कुलभूषण आर्य, हरियाणा शारीरिक शिक्षा अध्यापक संघ से विनोद पिंकू, प्रवक्ता सुदामा तंवर, वरिष्ठ उपप्रधान विरेंद्र घणघस ने संयुक्त रूप से कहा कि पीटीआई अपनी बहाली की मांग को लेकर पिछले लगभग एक साल से लगातार दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष तथा प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर लगा-लगाकर थक चुके है।
उन्होंने कहा कि धरने के 264 दिनों के दौरान प्रदेश सरकार 11 पीटीआई की जान ले चुकी हैं। इसके साथ ही कई बर्खास्त पीटीआई के परिजन भी अपना मानसिक संतुलन खो चुके है।