सरकार के तुगलकी फरमानों के खिलाफ 16 मार्च को प्रदर्शन कर अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन विभाग को ज्ञापन भेजा जाएगा।. सरकार निजीकरण बंद कर विभाग में 14000 सरकारी बसें शामिल करें।. सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ विभाग के सभी संगठनों से मिलकर निर्णायक संघर्ष का का आह्वान। चण्डीगढ, 6 मार्च ! हरियाणा सरकार द्वारा 1000 रोड़वेज चालकों को सरप्लस घोषित करने व बर्खास्तगी की धमकी देने से रोड़वेज कर्मचारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। तुगलकी फरमानों के खिलाफ 16 मार्च को सभी डिपूओं में प्रदर्शन कर महाप्रबंधकों के माध्यम से अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन विभाग को ज्ञापन भेजा जाएगा। हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान इन्द्र सिंह बधाना, प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया, वरिष्ठ उप प्रधान नरेन्द्र दिनोद, राज्य कोषाध्यक्ष राजपाल,उप महासचिव बलबीर जाखड़, राज्य उपाध्यक्ष प्रदीप शर्मा, कार्यालय सचिव जयकुमार दहिया व प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा ने सयुंक्त ब्यान में कहा हरियाणा सरकार ने 1000 चालकों को सरप्लस घोषित कर अन्य विभागों में भेजने व बर्खास्तगी की धमकी देकर जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। उन्होंने कहा सरकार ने अपने 6 साल के शासनकाल में विभाग में सरकारी नई बसें शामिल नहीं करके व कर्मचारियों को सरप्लस घोषित कर विभाग का निजीकरण कर धन्ना सेठों के हवाले करने की मन्शा स्पष्ट कर दी है। कर्मचारी नेताओं ने कहा परिवहन मंत्री द्वारा बार बार विभाग में नई बसें शामिल करने बारे दिये जा रहे बयानों की पोल खुल गई है। उन्होंने कहा 6 वर्ष पहले विभाग में 4500 सरकारी बसें थी,जो सरकार की निजीकरण नीतियों के कारण अब घट कर केवल 3060 बसें ही रह गई। उन्होंने कहा अगर सरकार द्वारा विभाग में नई बसें शामिल नहीं की गई तो आने वाले दो वर्ष में केवल 1000 बसें ही रह जाएंगी। जिस कारण जनता को मिल रही परिवहन सेवा समाप्त होने के साथ वर्तमान कर्मचारियों की नौकरी खतरे में होने के अलावा बेरोजगारों को स्थाई रोजगार के अवसर समाप्त हो जाएंगे। प्रान्तीय नेताओं ने बताया विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा अर्से से लम्बित मांगों का यूनियन से बातचीत करके समाधान करने की बजाए कर्मचारियों का शोषण व दमनात्मक कार्रवाई की जा रही है,जिस कारण प्रदेश के कर्मचारियों में भारी रोष है। कर्मचारी नेताओं ने 1000 चालकों को सरप्लस करने के आदेशों को तुरन्त वापस लेने व विभाग में 14 हजार सरकारी बसें शामिल करने की पुरजोर मांग की ।ताकि कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित रहने के अलावा 84 हजार बेरोजगारों को स्थाई रोजगार मिलने के साथ जनता को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा मिल सकें। उन्होंने कहा 1000 चालकों को सरप्लस करने का पत्र वापस लेने व लम्बित मांगों के समाधान के लिए 16 मार्च को हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ द्वारा सभी डिपूओं में प्रदर्शन किया जाएगा व महाप्रबंधकों के माध्यम से अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन विभाग को ज्ञापन भेजा जाएगा। कर्मचारी नेताओं ने सरकार की हठधर्मिता व निजीकरण नीतियों के खिलाफ विभाग के सभी संगठनों से मिलकर निर्णायक संघर्ष का आह्वान किया। Post navigation कोरोना टीका लेने से पहले और उसके बाद शराब का सेवन नही करना चाहिए दुष्यंत चौटाला ने युवाओं से निभाया अपना वादा, इसी तरह बाकी वादे भी करेंगे पूरे – दिग्विजय चौटाला