• मय्यड़ टोल, लांधड़ी चिकनवास टोल, मदीना टोल पर धरना दे रहे किसानों के बीच पहुंचे सांसद दीपेंद्र हुड्डा
• भाजपा राज में किसान की हालत ‘आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया’ जैसी
• सरकार महंगाई का पोषण और किसान का शोषण कर रही
• महंगाई ने जनता का निकला तेल, सरकार हुई बुरी तरह फेल
• अन्नदाता मेहनत से तैयार फसल नष्ट न करें, ऐसा करने से भी इस अहंकारी सरकार की इंसानियत नहीं जागेगी

फतेहाबाद, 2 मार्च। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज फतेहाबाद के कई सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे। वे मय्यड़ टोल, लांधड़ी चिकनवास टोल, मदीना टोल पर लगे किसान धरने में आंदोलनरत किसानों के बीच पहुंचे और उनका हालचाल पूछा व हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि पिछले 3 महीने में किसान में बहुत बड़ी अग्निपरीक्षा दी है। सैंकड़ों जाने गंवाने व अपमानजनक बोल सहने के बावजूद किसान एक इंच भी संयम, शांति, अनुशासित संघर्ष के रास्ते से भटके नहीं। लेकिन, सरकार इतने उदार अन्नदाता से ऐसा व्यवहार क्यों कर रही है?

इस दौरान दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा राज में किसान की हालत आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया वाली हो गयी है। सरकार महंगाई का पोषण और किसान का शोषण कर रही है। डीजल, पेट्रोल, खाद, घरेलु रसोई गैस आदि के बढ़ते दाम रुकने का नाम ही नहीं ले रहे। आना-जाना, खाना-रहना भी दुश्वार हो गया है। युवा रोज़गार मांग रहे तो बीजेपी सरकार महंगाई का वार कर रही है। आज भी सीएनजी और पीएनजी के दाम बढ़ा दिये गये। आर्थिक मंदी, बेरोज़गारी और लगातार घटती कमाई के चलते लोगों को अब गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।

दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा में किसानों द्वारा लगातार खेतों में खड़ी फसल नष्ट करने की खबरों पर सभी किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे कड़ी मेहनत से अन्न उपजाकर देश के आम गरीब का पेट भरते हैं। देश के नागरिकों की खातिर किसान अपनी फसल नष्ट करने जैसा कदम न उठाएं। क्योंकि, 225 से ज्यादा किसानों की कुर्बानियों के बावजूद जिस बेदर्द सरकार की इंसानियत नहीं जागी, उसे फसल नष्ट होने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। किसान अपने हक के इस संघर्ष को संयम और हौसले से जरुर जीतेंगे। अखिरकार इस संवेदनहीन सरकार को झुकना ही होगा।

धरनास्थल पर बातचीत के दौरान सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि तीन महीने से भी ज्यादा समय से किसान सड़कों पर बैठे हैं। लेकिन बहुमत और सत्ता के घमंड में चूर सरकार राजहठ कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार और किसानों के बीच गतिरोध को समाप्त करने के लिये सरकार पहल करे। क्योंकि, किसानों के साथ पिछले बार अंतिम दौर की बातचीत को अधर में छोड़कर सरकार भागी थी और किसान 5 घंटे तक इंतज़ार करते रहे। इसलिए, अब बातचीत शुरू करने की जिम्मेदारी भी सरकार की है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बार-बार कह रही है कि वो बातचीत के लिये तैयार है, अगर वो सही में बातचीत करने और समाधान के प्रति गंभीर है तो उसे पहल करते हुए तिथि, स्थान और समय निश्चित करके और किसान संगठनों को निमंत्रण देकर इसे सार्वजनिक करना चाहिए।

उन्होंने सरकार को हर मोर्चे पर बुरी तरह से फेल करार देते हुए कहा कि रोज महंगाई बढ़ाकर सरकार ने जनता का तेल निकाल दिया है। सत्ता के घमंड में डूबी सरकार आम लोगों का दर्द सुनना तक नहीं चाहती। सत्ता में बैठे नेता, मंत्री अनाप-शनाप बयान देकर जले पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं। ज्ञात हो कि सांसद दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा के 15 सांसदों में से विपक्ष के एकमात्र ऐसे सांसद हैं जो प्रदेश भर के किसान धरनों के साथ ही दिल्ली की सीमाओं – सिंघु बार्डर, टीकरी बार्डर व गाजीपुर बार्डर के धरनों में भी लगातार पहुंचकर किसानों का हाल-चाल लेते रहते हैं और धरनास्थलों पर किसानों को जरुरी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के प्रति भी गंभीरता से काम करते हैं।

इस दौरान पूर्व सीपीएस प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा, पूर्व विधायक जरनैल सिंह, पूर्व विधायक नरेश सेलवाल, पूर्व विधायक भरतसिंह बेनीवाल, रणधीर सिंह टोहाना समेत वरिष्ठ नेता व स्थानीय कार्यकर्त्ता मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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