-कमलेश भारतीय गाना याद आ रहा है -महंगाई डायन खाये जात है । आपको भी आ रहा होगा जब पैट्रोल, डीज़ल और रसोई गैस के दाम दिन-प्रतिदिन बढ़ते सुनते और चुकाते होंगे । एक पुराना चुटकुला भी है कि एक दोस्त ने दूसरे से कहा कि यार , मेरी बेटी का कद नहीं बढ़ता । क्या करूं ? जवाब-बेटी का नाम महंगाई रख दे । देखना दिन प्रतिदिन आसमान छुयेगी । तो मित्रों डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दाम आसमान छू रहे हैं और आम आदमी इतने अच्छे दिन देखकर हक्का बक्का हो रहा है । क्या यही अच्छे दिन हैं ? या इससे भी अच्छे दिन आने अभी बाकी हैं । इन बढ़ती हुई कीमतों के खिलाफ पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्कूटी की सवारी की । स्कूटी से सचिवालय पहुंचीं लेकिन उनके स्कूटी पर पहुंचने के शो में भी कम खर्च नहीं हुआ । कितने सुरक्षा कर्मी साथ साथ चले और उनकी स्कूटी को धक्का लगाते देखे गये । स्कूटी चलानी नहीं , चलाते हुए दिखाने थी । जैसे हरियाणा में सैलजा ने ट्रैक्टर चलाया था । पश्चिमी बंगाल में भाजपा ने पोस्टर लगवाये हैं कि अबकि बार बुआ नहीं बल्कि बेटी और नौ नौ देवियों को पोस्टर पर दिखाया गया है । सच । चुनाव में नौटंकी का मज़ा आने लगा है । मुद्दे तो उठाते नहीं , ये राजनीतिक झांकियां देखने को मिल रही हैं । माकपा और कांग्रेस की रैली में उमड़ी भीड़ भी कुछ संकेत दे रही है । वैसे कम राहुल गांधी भी नहीं । तमिलनाडु में प्रचार के दौरान कैसा रोचक मुकाबला करते दिख रहे हैं । पहले केरल में मछुआरों संग गोते लगाते दिखे थे । अभी और नौटंकी देखने को मिलेगी । पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने प्रशांत किशोर की सेवायें ले लीं । बिहार, यूपी के बाद अब पंजाब में प्रशांत किशोर । मज़ेदार यह बात कि नेता अब जनता का मूड भांपने के लिए प्रशांत किशोर की सेवायें लेने लगे हैं । अब भाजपा को जनता का मूड भांपने के लिए किसी की सेवाओं की जरूरत ही कहां ? किसान आंदोलन ने सब साफ कर दिया । पंजाब में जनता ने मूड बताया कि नहीं ? अब प्रशांत किशोर क्या बतायेगा ? सूपड़ा साफ और चारों खाने चित्त । अकाली दल भी औंधे मुंह । सब किसान आंदोलन का परिणाम । यहां प्रशांत किशोर का क्या काम ? क्या यह सफलता की कुंजी है ? कंगना रानौत की जुबान बंद । कोर्ट से जमानत वारंट । अब नहीं कहोगी कंगना कि मुझे कोर्ट पर पूरा विश्वास है । Post navigation महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी से त्रस्त है जनता – दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस का मौजूदा प्रकरण लगातार अपनी लोकप्रियता खो रहा है