जिन क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से ज्यादा बिजली चोरी होती हैे और 60 प्रतिशत से ज्यादा बिल नही भरे जाते है, वहां बिजली निगमे न तो बिजली चोरी के लिए छापामारी करने की हिम्मत करती है और न ही बिल नही भरने वाले डिफाल्टरों के बिजली कनैक्शन काटने की कार्यवाही करती है।

28 फरवरी 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने कहा कि प्रदेश में भारी मात्रा में बिजली चोरी हो रही है व लाईन लोस भी काफी है और यह वर्षो से जारी है।

विद्रोही ने कहा कि बिजली मंत्री ने गुरूग्राम, फरीदाबाद, धारूहेड़ा, रेवाड़ी व हिसार के 1215 संस्थानों में बिजली विभाग द्वारा छापामारी करके 100 करोड़ रूपये ज्यादा बिजली चोरो पर जुर्माना लगाने पर बिजली निगमों के अधिकारियों व कर्मचारियों की सार्वजनिक रूप से पीठ थपथपाई है। बिजली चोरी रोकने का प्रयास करने वाले बिजली अभियन्ताओं व कर्मचारियों को प्रोत्साहिक करना अच्छी बात है। पर लाख टके का सवाल यह है कि यह छापेमारी उन क्षेत्रों में ही क्यो होती है जहां मुश्किल से दस प्रतिशत बिजली की चोरी होती है और 90 प्रतिशत उपभोक्ता नियमित रूप से बिजली बिल भरते है। जिन क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से ज्यादा बिजली चोरी होती हैे और 60 प्रतिशत से ज्यादा बिल नही भरे जाते है, वहां बिजली निगमे न तो बिजली चोरी के लिए छापामारी करने की हिम्मत करती है और न ही बिल नही भरने वाले डिफाल्टरों के बिजली कनैक्शन काटने की कार्यवाही करती है।

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा में सबसे कम बिजली चोरी महेन्द्रगढ, रेवाडी, गुरूग्राम जिलों में होती है और इन्ही जिलों में 90 प्रतिशत बिजली उपभोक्ता नियमित रूप से बिल भरते है, तब भी बिजली चोरी के नाम पर बिजली निगम इन्ही क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा तंग करके उन पर छापामारी करके भारी-भरकम जुर्माना ठोकती है और जिन क्षेत्रों में भारी बिजली चोरी व बिल नही भरे जाते है, वहां बिजली निगम व उसके कर्मचारी झांकने की हिम्मत भी नही दिखाते है। बिजली निगमे ऐसा क्यों कर रही है? क्या मुख्यमंत्री व बिजली मंत्री इस यक्ष प्रश्न का जवाब देने की हिम्मत करेंगे? 

विद्रोही ने मुख्यमंत्री व बिजली मंत्री को खुली चुनौती दी कि यदि उनमें दम है तो बिजली चोरी करने वाले व सबसे ज्यादा बिजली बिल नही भरने वाले क्षेत्र जींद, भिवानी, कैथल, सोनीपत, रोहतक जैसे जिलों में बिजली चोरी करने वालों पर छापा मारने व बिजली बिल नही भरने वालों के कनैक्शन काटने की हिम्मत दिखाये। इन क्षेत्रों  में बिजली निगमे छापामारी से इतनी क्यों डरती है?

वहीं सरकार जिलेवार बताये कि किस क्षेत्र में कितने उपभोक्ताओं के कितनी राशी के बिजली बिल बकाया है और किन-किन जिलों में कितनी मात्रा में बिजली चोरी हो रही है। इस बिजली चोरी को रोकने व बकाया बिलों की वसूली के लिए भाजपा-खट्टर सरकार ने क्या-क्या प्रभावी कदम उठाये। वहीं विद्रोही ने कहा कि यदि भाजपा सरकार बिजली चोरी व बकाया बिजली बिलों का ब्यौरा सार्वजनिक नही करती तो वे अपनी ओर से उक्त ब्यौरा सार्वजनिक करेंगे।