अकेले बजरंग लाल अग्रवाल ही सम्मानित? जबकि बाजार बंद करवाने में सभी ट्रेड यूनियन का योगदान। भारत सारथी/ कौशिक नारनौल । जिला बार एसोसिएशन की अगुवाई में जिला बचाओ संघर्ष समिति ने सरकार के विरोध में गत 24 दिनों से धरना चलाया हुआ है। इसी विरोध के बीच जिला बार एसोसिएशन ने प्रदेश के बिजली व जेल मंत्री चौधरी रणजीत सिंह का सम्मान करने के लिए बार एसोसिएशन में आमंत्रित किया। उनके साथ ओम प्रकाश यादव, सामाजिक अधिकारिता राज्य मंत्री एवं नांगल चौधरी के विधायक अभय सिंह यादव भी थे। बार एसोसिएशन ने अटेली के विधायक सीताराम यादव को भी आमंत्रित किया था, किन्तु मंत्री के आने के कुछ समय पहले, बार के सदस्यों में उनको बुलाने को लेकर आपसी विरोध हो गया। ऐसे में अटेली के विधायक बार में नहीं आये। कुछ वकील बिजली मंत्री को बुलाने के विरोध में भी थे, उनका कहना था कि जिन दो पत्रों के कारण अधिवक्ता सरकार के विरोध में धरना दे रहे हैं, उसी सरकार के प्रतिनिधि को बुलाना आंदोलन के लिए घातक है। जिस समय मंत्री बार एसोसिएशन में थे, उस समय धरना स्थल पर किसी का भी ना होना चर्चा का विषय था। लोगों में यह चर्चा भी थी की मंत्री जी शायद इसी शर्त पर आए थे कि जब तक वह बार एसोसिएशन में रहेंगे, धरना स्थल पर कोई नहीं रहेगा। चर्चा का विषय यह भी था कि जिला बचाओ संघर्ष समिति में समाज के अन्य लोगों को भी सदस्य बनाया हुआ है, यदि अधिवक्ता मंत्री के कार्यक्रम में थे तो धरने पर बैठने की जिम्मेदारी लगाई जानी चाहिए थी। जब अधिवक्ताओं से पूछा गया कि बिजली मंत्री ने 30 किलोवाट का पावर प्रोजेक्ट लगाने की घोषणा की है या 15 लाख की धनराशी की ग्रांट घोषित की है, तो अधिवक्ताओं ने कहा कि यह पता ही नहीं चल पाया कि मंत्री ने क्या घोषणा की है। उनका कहना था की कंही वही कहावत चरितार्थ ना हो जाये कि “माया मिली ना राम”। बार एसोसिएशन में अधिवक्ताओं के चैम्बर्स के लिए 30 किलोवाट के सोलर प्रोजेक्ट की मांग की थी। अधिवक्ता चैंबर सोसायटी के प्रधान राकेश महता ने अपने मांग पत्र में अधिवक्ताओं के चैंबर की लिफ्ट, सामूहिक एरिया व वकीलों के कक्षों में पंखे व लाइट के लिए 30 किलोवाट के सोलर प्रोजेक्ट की मांग की थी। जिस पर मंत्री ने कहा कि यदि सरकार की ऐसी कोई पॉलिसी हुई कि इस तरह की बिल्डिंग्स पर सोलर प्रोजेक्ट लगाया जा सकता है तो, वो सोलर प्रोजेक्ट लगवा देंगे, नहीं तो 15 लाख रुपए की ग्रांट दे देंगे। किन्तु उन्होंने यह भी कहा कि इस 15 लाख में से आधे ओम प्रकाश यादव मंत्री जो आप के विधायक भी हैं, देंगे। इस पर मंच संचालन कर रहे अधिवक्ता कर्ण सिंह यादव ने कहा कि बार ने किसी निजी फर्म से इस सोलर प्रोजेक्ट का एस्टीमेट निकलवाया हुआ है, जिसके अनुसार इस प्रोजेक्ट में 21 लाख रुपए अनुमानित लागत लगेगी, इसलिए मंत्री रणजीत सिंह चौटाला कुछ राशि और बढ़ाएं। उन्होंने यह भी कहा कि ओम प्रकाश यादव मंत्री गत वर्ष 21 लाख रुपये की ग्रांट बार एसोईशन को दे चुके हैं, इसलिए वो इस ग्रांट में हिस्सा नही दे पाएंगे, हम ओम प्रकाश मंत्री से रानियां में ग्रांट दिलवा देंगे। आंदोलन के बीच में मंत्री से सौदेबाजी भी बाजार में चर्चा का विषय था। कुछ वकीलों ने आज समाचार पत्रों में छपी खबरों पर आश्चर्य जाहिर किया कि, उनका कहना था कि जब बिजली मंत्री ने सोलर प्रोजेक्ट व धनराशि की ग्रांट का विकल्प दिया है तो 30 किलोवाट के सोलर प्रोजेक्ट की मंजूरी की खबरें कैसे प्रकाशित की गई हैं। यदि यह सरकारी विज्ञप्ति है तो लोक सम्पर्क विभाग के अधिकारियों ने किस आधार पर 30 किलोवाट के सोलर प्रोजेक्ट मंजूर करने की घोषणा करने की प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी, क्योंकि मंत्री जी ने सोलर प्रोजेक्ट नहीं लग पाने के विकल्प में 15 लाख रुपए भी घोषित किये हैं। शहर के व्यापारियों में यह चर्चा थी कि जब नारनौल, अटेली, नांगल चौधरी व निजामपुर कस्बे के सभी व्यापारियों ने अपने प्रतिनिधियों के अनुरोध पर बाजार बंद किया था तो अकेले बजरंग लाल अग्रवाल को ही बार एसोसिएशन ने क्यों सम्मानित किया? 21 बिरादरियों के प्रधान भी जिला बचाने के लिए आगे आये थे, लेकिन उनको भी सम्मान के लिए नहीं बुलाया गया। सरकार के पत्रों के विरोध के लिए चलाए जा रहे धरने के बीच में सरकार के मंत्री ने बार एसोसिएशन को क्या दिया, सोलर प्रोजेक्ट या 15 लाख रुपए या साढ़े सात लाख रुपए, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। अब बार को संबोधित करते हुए बिजली मंत्री के वक्तव्य को सही माना जाए या डी पी आई आर ओ द्वारा जारी गई प्रेस विज्ञप्ति को? Post navigation 22 फरवरी को नारनौल के निकटवर्ती गांव कोजिंदा निवासी 19 वर्षीय छात्र दिनेश अपहरण मामला हरियाणा में एक अप्रैल तक वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना अनिवार्य