बुजुर्ग किसान बोले- भविष्य की लड़ाई लड़ रहे, मागें माने जाने तक पीछे नहीं हटेंगे
कितलाना टोल पर धरने की कमान संभाली बुजुर्गों ने, टोल 56वें दिन भी फ्री रहा
चरखी दादरी जयवीर फोगाट
संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी रेल रोको अभियान के चलते जिले की खापें, सामाजिक, किसान और कर्मचारी संगठन जहां रेलवे ट्रैक पर जमे रहे वहीं कितलाना टोल पर धरने की कमान आज बुजुर्ग किसानों ने संभाली। उन्होंने कहा कि यह हमारे भविष्य की लड़ाई है। इसलिए जब तक तीनों काले कानून रद्द होने के साथ एमएसपी की गारंटी नहीं मिलती हम पीछे नहीं हटने वाले हैं। उन्होंने कहा की मोदी सरकार सत्ता के नशे में चूर है लेकिन भूल रही है कि जिस कुर्सी पर वे बैठे हैं ये इसी जनता की देन है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इधर उधर की बातें करने की बजाए संयुक्त किसान मोर्चा से सीधी बात करनी चाहिए।
इस मौके पर किसान नेता राजू मान ने कहा कि आज सभी वर्ग समझ गए हैं कि ये तीनों काले कानून सरकारी मंडी को खा जाएंगे, एमएसपी नहीं बचेगी। जिसका सीधा असर किसान, मजदूर और आढ़ती पर पड़ेगा और उनके नुकसान की भरपाई नहीं हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली खत्म होने से गरीबों को सस्ता अनाज मिलना बंद हो जाएगा। असीमित भंडारण से मंहगाई सिर चढ़कर बोलेगी और गरीब व मध्यम वर्ग को गुजारा करना मुश्किल हो जाएगा। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में साधारण किसान का बड़े पूंजीपतियों से सामना करना बूते से बाहर होगा।
कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चित कालीन धरने के 56वें दिन सरदार सिंह डोहकी, मौजीराम, मास्टर ओमप्रकाश, सुभाष यादव, अंतर कौर डोहकी, श्यामलाल फतेहगढ़, फतेहसिंह मानकावास ने संयुक्त अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि 36 बिरादरी के सहयोग से किसान आंदोलन अब जनांदोलन बन गया है और अब जीत ज्यादा दूर नहीं है। सरकार को किसानों की मांगें माननी ही पडेंगी। धरने का मंच संचालन प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी ने किया। आज भी टोल फ्री रहा। वहीं आज 56 दिन में पहली बार पुलिस टोल से नदारद रही।
इस अवसर पर कप्तान चंदन सिंह, जगराम सांगवान, रोशनलाल, सत्यवीर चाहर, बलबीर सरपंच, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, वीरभान, रतन्नी देवी, लक्ष्मी, संतरा, चंद्रकला, बिमला, दया, सिलोचना, कृष्णा, बीरमति, ओमपति, प्रेमा, राजबाला, संतोष इत्यादि मौजूद थे।