गुरुग्राम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध आदेशों के अनुसार गुरुग्राम जुडिशल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास श्रीमती हरजोत कौर की कोर्ट ने अधिवक्ता मुकेश  कुल्थिया के बार कॉउन्सिल का लाइसेंस निलंबित करने के मामले में गुरुग्राम सेक्टर 9 पुलिस स्टेशन को 202 सीआरपीसी के तहत जांच करके रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश पारित किए ।

जैसा कि भारत सारथी में पूर्व में प्रकाशित समाचारों के अनुसार पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल के चेयरमैन श्री करनजीत सिंह ने अधिवक्ता मुकेश कुलथिया का बार कॉउन्सिल का लाइसेंस निलंबित कर दिया था ।

मुकेश कुल्थिया ने इस निलंबन के खिलाफ गुरुग्राम कोर्ट में सिविल सूट एवं अपराधिक मुकदमे दर्ज करवाए थे ।

मुकेश कुल्थिया ने स्पष्ट आरोप लगाए थे कि हरियाणा मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा परिवहन मंत्री श्री किशनपाल पंवार, केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी एवं अन्यों के ख़िलाफ़ ट्रांसपोर्ट घोटाले में मुकेश कुल्थिया द्वारा दायर आपराध नियंत्रण कानून के तहत चल रहे मुकद्दमों एवं प्रदेश एवं केंद्र के खिलाफ दायर विभिन्न सिविल सूट्स को प्रभावित करने की मंशा से ऐसे नोटिस एवं निलंबन आदेश जारी किए थे ।

इसी फरवरी माह में गुरुग्राम सिविल कोर्ट श्रीमती सुमित्रा कादयान की कोर्ट ने इन निलंबन के आदेशों को गैरकानूनी करार देते हुए आदेश जारी कर दिए थे एवं अब अपराधिक मुकदमे पर संज्ञान लेते हुए श्रीमती हरजोत कौर की कोर्ट ने बार काउंसिल चेयरमैन श्री कारणजीत सिंह के आदेशों एवं नोटिस की जांच के आदेश पारित कर दिए हैं ।

हरियाणा में यह भी अपने आप में एक दुर्लभ मामला है जिसमें हरियाणा के ही एक वकील ने हरियाणा के बार काउंसिल चेयरमैन के खिलाफ सिविल सूट के साथ साथ अपराधिक मामले भी दर्ज करवाई हैं एवं कोर्ट कार्रवाई भी आगे बढ़ाई है ।

आज तक की कोर्ट की कार्रवाई और आदेशों के अनुसार तो माननीय कोर्ट ने चेयरमैन के आदेशों को गैरकानूनी करार दे दिया है एवं दूसरे कोर्ट ने चेयरमैन के आदेशों की पुलिस जांच के आदेश भी दे दिए हैं, आगे आगे देखते हैं ऊंट किस करवट बैठता है।

ये तो सर्वविदित है कि बार कॉउन्सिल चेयरमैन के पास शक्तियों का अभाव नहीं, तो आज तक दायर किए गए अदालती मुकद्दमे भी ये गवाही देते हैं कि गलत कार्यों के ख़िलाफ़ कानूनी लड़ाई लड़ने की इच्छाशक्ति का अभाव मुकेश कुल्थिया के पास भी नहीं ।

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