महिलाओं में रोष : सरकार का रसोई पर वार, नहीं सहेंगे अत्याचार

पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें छू रही आसमान
कितलाना टोल पर रेल रोको अभियान को लेकर जोश

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

 केंद्र सरकार हर वर्ग पर चोट कर रही है। पहले तीन काले कानून लागू कर किसान,मजदूर और व्यापारियों को ठिकाने लगाया अब गैस के सिलेंडर में एक बार में पचास रुपए बढ़ाकर रसोई का बजट बिगाड़कर रख दिया है। यह बात कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चित कालीन धरने पर बोलते हुए महिला वक्ताओं ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने पेट्रोल 88 रुपए और डीजल 80 रुपए लीटर पहुंचाकर आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है। ये अत्याचार आम जनमानस सहन नहीं करेगा। किसानों ने धरने पर हाथ में पट्टिकाएं लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। 

इस मौके पर किसान नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उड़ते जहाज से क्रिकेट मैच देखने की फुर्सत तो है लेकिन अपनी जायज मांगों को लेकर दिल्ली के बॉर्डर और विभिन्न टोलों पर बैठे लाखों किसान उन्हें दिखाई नहीं दे रहे। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे जनांदोलन में अब तक 225 से ज्यादा किसान अपनी शहादत दे चुके हैं। उसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी को उनकी बात सुनना गवारा नहीं है। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देश पर वीरवार को 12 से 4 बजे तक रेल रोको अभियान को लेकर लोगों में भारी जोश है। भिवानी और दादरी में पांच जगह ट्रैन रोकी जाएंगी।                 

कितलाना टोल पर 55वें दिन चल रहे धरने की नरसिंह डीपीई, बलवंत नम्बरदार, गंगाराम श्योराण, सुभाष यादव, सज्जन कुमार सिंगला, राजू मान, दिलबाग ग्रेवाल, मास्टर ओमप्रकाश, कमलेश भैरवी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने टूलकिट मामले में युवा दिशा रवि को बंदी बनाने पर निंदा प्रस्ताव रखते हुए कहा सरकार ने दिशा रवि, निकिता जैकब, शांतनु मुलुक, अजय हुड्डा, गुरमीत कौर पर मुकदमे बना लोकतंत्र का गला घोंटा है। उन्होंने नहरी पानी की कमी का मुद्दा उठा सरकार को आगाह करते हुए कहा कि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो जिला स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा। धरनारत किसानों ने इन प्रस्तावों का हाथ उठाकर समर्थन किया। धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। आज भी टोल फ्री रहा।                 

 इस अवसर पर प्रोफेसर राजेंद्र डोहकी, रणधीर घिकाड़ा, कमल प्रधान, मुकेश पहाड़ी, राजकुमार दलाल, सुरेंद्र कुब्जानगर, मौजीराम, सुरेन्द्र सांगवान, परमजीत फतेहगढ़, राजबीर बोहरा, खुशीराम घुसकानी, महेंद्र प्रजापति, जयसिंह होलदार, संदीप शर्मा, हमीद कितलाना, बिमला, ओमपति, भतेरी, रामसिंह बलकरा, रमेश कोच, जागेराम डीपीई, महाबीर सांगवान, सूबेदार सत्यवीर, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह इत्यादि मौजूद थे।

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