खदान संचालकों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने धौलेड़ा के पास सड़क मार्ग को किया जाम

मामला बिगड़ता देख शव निकालने की प्रक्रिया में लाई गई तेजी

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल । सोमवार को लीज नंबर 3 से मलबा उठाकर एक नंबर लीज में डालने पहुंचे चालक की दर्दनाक मौत को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष देखने को मिला। जहां मंगलवार दूसरे दिन भी जब डंपर चालक का शव खदान से बाहर नहीं निकाला गया तो आक्रोशित ग्रामीणों ने घटना स्थल पर पहुंचकर धौलेडा़ के पास सडक़ मार्ग को जाम करने के बाद ग्रामीण खदान पर पहुंच गए, जहां ग्रामीणों के द्वारा खदान संचालक के खिलाफ  नारेबाजी की गई।

इसके साथ ही ग्रामीणों के द्वारा पत्थर खदान संचालकों पर कार्रवाई की मांग करने लगे। जाम की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने ग्रामीणों को कार्रवाई का भरोसा दिलाकर जाम खुलवाया। इसके बाद शव को बाहर निकालने की प्रक्रिया तेज की गई। जिस पर दोपहर करीब साढ़े बारह बजे बाद डंपर चालक के शव को खदान से बाहर निकाला गया। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नारनौल सामान्य अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों द्वारा मृतक का पोसटमार्टम करने के बाद शव परिजपों को सौप दिया गया।

पुलिस ने मामले में इत्तफाकिया कार्रवाई की है। जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह करीब दस बजे बखरीजा पत्थर खान नंबर तीन से मलबा भरकर खान नंबर एक में डालते समय डंपर करीब साढ़े तीन सौ फीट नीचे गिर गया था। जिससे बटारा की ढ़ाणी नियाजलिपुर निवासी डंपर चालक बुधराम की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी। खान की गहराई अधिक होने से शव को निकालना संभव नही हो पाया था। इससे पोकलेण्ड मशीन से रास्ता तैयार किया गया।

मंगलवार सुबह तक भी जब शव को बाहर नही निकाला गया तो ग्रामीण भडक़ गए और सडक़ मार्ग को जाम कर दिया। इस बीच 27 घंटे तक मृतक के अंधे पिता की आंखें तरसती रही। बाद में पुलिस ने शव को निकालने की प्रक्रिया तेज की और ग्रामीणों की सहायता से दोपहर करीब साढ़े 12 बजे शव को बाहर निकाला गया। जहां पुलिस के द्वारा शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद गांव में गमगीन माहौल में मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। हर कोई घटना को लेकर दुख प्रकट करता नजर आया।

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