भिवानी/मुकेश वत्स  

हाई पावर्ड कमेटी की चंडीगढ़ मुख्यालय पर आयोजित हुई 12वीं बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार कोरोना संक्रमण के चलते 2580 दोषियों को कमेटी के आदेशों के तहत रिहा किया गया था, अब इन्हे पुन: 23 फरवरी से कारावास में जाना होगा। ये जानकारी देते हुए प्राधिकरण की सचिव एवं सीजेएम शिखा ने बताया कि 11 फरवरी 2021 को माननीय हाई पावर्ड कमेटी की 12 वीं बैठक न्यायमूर्ति राजन गुप्ता, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष,  हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि 2,580 दोषियों, जिन्हें हाई पावर्ड कमेटी के आदेशों के तहत कोरोना महामारी संक्रमण से बचाव के चलते रिहा किया गया था, उनको वापस आने की अनुमति दी गई।

उन्होंने बताया कि इस बैठक में राजीव अरोड़ा हरियाणा  के अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग से के. सेल्वराज (सेवानिवृत्त आईपीएस) जेल महानिदेशक हरियाणा और प्रमोद गोयल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सदस्य सचिव, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने भाग लिया। सीजेएम ने बताया कि हाई पावर्ड कमेटी का गठन राज्य स्तर पर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के तहत 23 मार्च 2020 को कोविड पिटीशन के आधार पर जेल से पैरोल/अंतरिम जमानत पर दोषियों/विचाराधीन कैदियों की रिहाई के लिए किया गया था। उक्त समिति बनने के बाद से, यह समिति जेलों के अंदर कोरोना संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए दोषियों/विचाराधीन कैदियों की पैरोल/जमानत प्रदान अथवा बढ़ा रही है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए, इस समिति ने नौ चरणों में हाई पावर्ड कमेटी की सिफारशों के तहत पैरोल पर रिहा किए गए दोषियों को फिर से प्रवेश शुरू करने का फैसला किया है। जेल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि दोषियों को फिर से उच्चाधिकार समिति द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार पुन: प्रवेश सुनिश्चित करें और यह भी सुनिश्चित करें कि दोषियों का पुन: प्रवेश उनके कारावास की अवधि के आधार पर 23 फरवरी 2021 से हो। जेल अधिकारियों और स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे एक-दूसरे के साथ तालमेल करें और 2,580 दोषियों के प्रवेश के समय सख्त परीक्षण और प्रोटोकॉल का पालन करें।

प्राधिकरण की सचिव ने बताया कि इस बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि जिन कैदियों को एक फरवरी 2021 को पैरोल/फरलो पर रिहा किया गया था, वे सक्षम प्राधिकारियों द्वारा उन्हें दी गई पैरोल/ फरलो की अवधि समाप्त होने पर आत्मसमर्पण करेंगे।

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