पुलवामा कांड के शहीदों और किसान आंदोलन में शहादत देने वालों की याद में निकालेंगे कैंडल मार्च और मशाल जुलूस

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

 भाजपा केवल मुखौटा मात्र है समाज में दुष्प्रचार करने और उसे बांटने का काम आरएसएस के चंदाजीवी कर रहे हैं जिनसे सचेत रहने की जरूरत है। यह बात कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कही। उन्होंने कहा कि राम मंदिर की आड़ में चंदाजीवी गांवों में घुस रहे हैं जो हमसे ही पैसा लेकर हमारे खिलाफ ही इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे लोगों को रोकने की जरूरत है। उन्होंने आह्वान किया कि आरएसएस के चंदाजीवियों को गांव से बाहर का रास्ता दिखाना है।                   

किसान नेताओं ने कहा कि संयुक्त मोर्चा के सफल आयोजनों से घबराकर केंद्र और राज्य में बैठे सत्ताधारी बौखला गए हैं और उल्टी सीधी बयानबाजी पर उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि अपनी जायज मांगों को लेकर देश के करोड़ों अन्नदाता विभिन्न मंचों से अपनी बात कह चुके हैं। इस दौरान 220 से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं। इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता के मद में चूर हैं जिन्होंने संवेदना तक जताना वाजिब नहीं समझा है।                 

अनिश्चित कालीन धरने के 51वें दिन नरसिंह डीपीई, बलवंत नंबरदार, बिजेंद्र बेरला, राज सिंह, गंगाराम श्योराण, रणधीर कुंगड़, दिलबाग ग्रेवाल सुभाष यादव ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद जवानों व किसान आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों के बलिदान की याद में व विभिन्न गांव में शाम 7 से 8 बजे कैंडल मार्च व मशाल जुलूस निकालकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसी कड़ी में रविवार को शाम 6.30 दादरी के हाथी पार्क में इकट्ठा होकर परसुराम राम चौक होते हुए सरदार झाड़ू सिंह चौक के पास हायर सेकेंडरी स्कूल में कारगिल शहीद दलबीर सिंह स्मारक तक कैंडल मार्च निकाला जाएगा। अध्यक्ष मंडल ने बताया कि 14 फरवरी को भिवानी में पुराने बस स्टैंड पर एकत्रित होकर हांसी गेट, घंटाघर होते हुए नेहरू पार्क में शहीद स्मारक तक मार्च निकाल श्रद्धांजलि दी जाएगी। धरने का मंच संचालन धर्मेन्द्र छपार ने किया। आज भी टोल फ्री रहा।                                 

  इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, सुरेश फौगाट, जोरावर सांगवान, राजू मान, परमजीत मड्डू, जितेन्द्रनाथ, रवि आजाद, सरपंच दयानंद पिचोपा, राजसिंह बिरही, रणधीर घिकाड़ा, प्रोफेसर राजेंद्र डोहकी, नरेंद्र पूर्व सरपंच फतेहगढ़, प्रेम सिंह, सूबे सिंह, राजकुमार हड़ौदी, सुरेंद्र कुब्जानगर, नरेंद्र अजीतपूर, समेर, रमेश, दिलबाग, पृथ्वी सिंह बिरही, लवली सरपंच, अरुण अधिवक्ता मानकावास, कृष्णा सांगवान, निर्मला देवी, बीरमति, नरदेव अटेला, सत्यवान बलियाली, रामोतार, मौजीराम, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, सूबेदार सत्यवीर, रणबीर फौजी धिकाङा, जगवीर घसौला इत्यादि मौजूद थे।