चण्डीगढ़- 13- 2 – 2021 – हरियाणा में पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने पर प्रशासनिक आदेश जारी किए गए हैं। विकास एवं पंचायत विभाग की तरफ से ये आदेश शुक्रवार को जारी किए गए। आदेशों के तहत पंचायतों, जिला परिषदों और ब्लॉक समितियों का कार्यकाल 23 फरवरी को पूरा हो रहा है। माना जा रहा था कि 24 फरवरी तक हरियाणा में पंचायत चुनाव हो जाएंगे, हालांकि पंचायत चुनावों की घोषणा अभी नहीं हुई है। मतलब ये हरियाणा में पंचायतों का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है। जिसके बाद से पंचायतों को भंग माना जाएगा, हालांकि सूबे में अभी पंचायती चुनाव की घोषणा नहीं हुई है। ऐसे में सरकार की तरफ से पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के आदेश जारी किए गए हैं। आदेशों के तहत 23 फरवरी के बाद प्रदेश में पंचायतों, जिला परिषदों और ब्लॉक समितियों पर प्रशासकों की नियुक्ति के आदेश लागू होंगे। आदेशों के तहत ब्लॉक डेवलपमेंट एंड पंचायत ऑफिसर प्रशासक होंगे। वहीं सब-डिवीजनल ऑफिसर्स अपने अंतर्गत आने वाली पंचायत समितियों और चीफ एक्सिक्यूटिव ऑफिसर अपने अंतर्गत पड़ने वाली ज़िला परिषदों का काम देखेंगे। विकास एवं पंचायत विभाग के अतरिक्त मुख्यसचिव ने आदेश जारी किए हैं। पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल 23 फरवरी को पूरा हो रहा है। ऐसे में आम चुनावों से पहले पंचायती राज संस्थाओं (ग्राम पंचायतों, पंचायत समिति और जिला परिषद) की चल-अचल संपत्ति और रिकॉर्ड का पूर्ण चार्ज लिया जाना है। इसके तहत आदेश जारी किए हैं कि चार्ज लेंने से पहले रिकॉर्ड में आवश्यक एंट्री पूरी करवाएं, ताकि आवश्यक शिकायतों और मुकदमेबाजी का सामना ना करना पड़े। अधिकारियों के निर्देश दिए गए हैं कि वो अपने जिले में कार्यरत जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, कार्यकारी अधिकारी पंचायती, राज खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, उप-मंडल अधिकारी पंचायती राज तथा कनिष्ठ अभियंताओं के मार्फत पंचायती राज संस्थाओं द्वारा सभी स्कीमों के तहत करवाए गए सभी विकास कार्यों की लंबित माप- पुस्तिका कैश बुक, लैजर, स्टॉक, रजिस्टर कार्रवाई पुस्तिका, वाउचर फाइल, शामलात भूमि से संबंधित रिकॉर्ड व कोर्ट केस की फाइलें तथा अन्य सभी रिकॉर्ड दस्तावेज, निर्धारित प्रपत्र – पुस्तिका दिनांक 16 फरवरी तक आवश्यक एंट्री पूर्ण करवा कर सुनिश्चित करें तथा इस बारे में संकलित रिपोर्ट निदेशालय को भिजवा ना सुनिश्चित करें। इसी के साथ ये भी कहा गया है कि अगर 16 फरवरी के उपरांत किसी भी ग्राम पंचायत, पंचायत समिति तथा जिला परिषद से संबंधित कोई भी रिकॉर्ड पूर्ण तथा उसका संबंधित प्रपत्र या पुस्तिका में विधिवत एंट्री दर्ज होना नहीं पाया गया, तो संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उतरदायी होगा और अनुशासनिक कार्रवाई का पात्र हो सकता है। Post navigation किसान आंदोलन का समर्थन करने पर दो जेबीटी टीचरों व प्रोग्राम आफिसर निलंबित हरियाणा के लोकसभा व राज्यसभा सांसदों की मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बजट पूर्व बैठक हुई