संगठन को गति देने में धनखड़ कर रहे हैं अपने शिक्षक होने का अनुभव का प्रयोग, पार्टीजनों के बीच धनखड़ सर के नाम से जाने जाने लगे प्रदेश प्रधान

ईश्वर धामु्

चंडीगढ़ ।  हरियाणा भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों की सूची जारी होने में देरी अब राजनीति में चर्चाओं का आकर्षण नहीं रही है। क्योंकि सूची जारी होने को लेकर कई बार चर्चाएं उठीं और कहा गया कि सूची को अंतिम रू प देने के लिए पार्टी के प्रदेश प्रधान ओम प्रकाश धनखड़ और मुख्यमंत्री मनोहर लाल व तत्कालीन संगठन सचिव की बैठक हो चुकी है। इसके पश्चात यह चर्चा उठी कि पार्टी आलाकमान ने पादाधिकारियों की इस सूची को बरोदा उपचुनाव को देखते हुये रोक लिया है।

अब नई जानकारी के अनुसार भाजपा की प्रदेश पदाधिकारियों की सूची किसान आंदोलन के कारण जारी नहीं हो पा रही है। कहा जा रहा है कि हरियाणा का राजनैतिक मौसम किसान आंदोलन को लेकर पक्ष में नहीं है। ऐसे में भाजपा प्रदेश पदाधिकारियों की सूची जारी कर अपने ही नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहेगी। लेकिन पार्टी के प्रदेश प्रधान ओम प्रकाश धनखड़ की कार्यप्रणाली और कार्यशैली पर पदाधिकारियों की सूची जारी न होने का कोई भी प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा है।

हरियाणा की राजनीति में ओम प्रकाश धनखड़ राजनैतिक पार्टी के एकमात्र ऐसे प्रदेश प्रधान हैं, जिनको पार्टी के लोग धनखड़ सर के नाम से पुकारने लगे हैं। उन्होंने प्रदेश प्रधान पद का कार्यभार सम्भालने के बाद जिस तरह से संगठन के कार्यों को गति दी है, उससे लगता नहीं कि उनका किसी भी वर्तमान पदाधिकारी के साथ कम तालमेल है? क्योंकि उन्होंने काम करने की जो कार्यशैली अपनाई है, उसमें किसी भी वर्तमान पदाधिकारी को यह नहीं लगा कि प्रदेश प्रधान उनकी किसी भी स्तर पर उपेक्षा कर रहे हैं।

धनखड़ सर ने एक शिक्षक के रूप में अपने अनुभवों को पार्टी संगठन के कामों में प्रयोग किया है। अपने पदाधिकारियों की बैठक में वे मुद्दे को एक शिक्षक की तरह विस्तार से पदाधिकारियों को समझाते हैं। इसलिए नये प्रदेश पदाधिकारियों के न होते हुये भी उन्होंने पार्टी संगठन को आगे बढाया। इसीलिए प्रदेश पाधिकारियों की सूची जारी होने में देरी के बावजूद भी किसी भी नेता और कार्यकर्ताओं में रोष नहीं है। चर्चाकारों का कहना है कि भाजपा की प्रदेश पदाधिकारियों की सूची को पार्टी आलाकमान ने हरि झंडी दी हुई है। लेकिन उपयुक्त समय और माहौल न मिलने के कारण सूची जारी करने में देरी हो रही है।

अब स्थिति यह है कि प्रदेश स्तर पर पार्टी का पद चाहने वाले भी शांत हो चुके हैं। लेकिन पार्टी संगठन की गतिविधियां कहीं भी और किसी भी स्तर पर कमजोर व प्रभावित नजर नहीं आती।

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