भिवानी/मुकेश वत्स  

26 जनवरी को दिल्ली घटना के बाद किसान आंदोलन कमजोर होने की बजाय और तेज हो गया है। इस बार किसान पहले से ज़्यादा संख्या में दिल्ली पहुंच रहे है और कृषि कानूनों को वापिस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। इसी के तहत अब कृषि कानूनों के खिलाफ 6 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया गया है।

किसान नेता जोगेंद्र तालु ने कहा कि 6 मार्च को भारत बंद के दौरान हरियाणा प्रदेश के किसान भी बढ़-चढकऱ भाग लेंगे तथा पूरे जोर-शोर के साथ कृषि कानूनों का विरोध किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए औच्छे हथकंडे अपनाने लगी है, जिसका उदाहरण दिल्ली में 26 जनवरी को जो कुछ कुछ हुआ, वो सरकार द्वारा सुनियोजित था।

तालु ने कहा कि सरकार किसानों के हकों को दबा कर ज़्यादा ज़ुल्म ना करे, क्योंकि ज़्यादा ज़ुल्म सहने की भी सीमा होती है। उन्होंने कहा कि पिछले 70 दिनों से किसान इन बिलों को रद्द करवाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही, यह सरकार का तानाशाही रवैया दर्शाता हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने से पूर्व किसानों की आय दोगुना करने व स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की बात कही थी, लेकिन आज रिपोर्ट तो लागू करना दूर बल्कि सरकार किसानों की जायज बात को भी अनसुना कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की एकजुटता के आगे केंद्र सरकार को झुकना ही पड़ेगा तथा कृषि कानूनों को वापिस लेना होगा।

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