हाई कोर्ट की मॉनिटरिंग में जाँच से ही पकड़ में आएंगे हरियाणा शराब घोटालों के असली किंगपिन और गुनहगार
शराब घोटाले की आधी-अधूरी ‘जाँच’ में छोटी मछलियों पर सारा दोष डाल राजनीतिक रसूख वाले असली गुनाहगारों का कौन कर रहा है बचाव?
क्यों नहीं हुई बड़ी मछलियों से कोई पूछताछ, तो कैसे होगी कार्रवाई

चंडीगढ़, 02 फरवरी, 2021 – वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कोरोना काल में अरबों रुपए के शराब घोटालों और पचास से ज्यादा लोगों की मौतों के लिए उपमुख्यमंत्री और एक्साइज मंत्री दुष्यंत चौटाला से नैतिक आधार पर इस्तीफे की मांग की है।

सुरजेवाला ने कहा कि हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में जाँच से ही हरियाणा शराब घोटालों के असली किंगपिन और गुनहगार पकड़ में आएंगे। राज्य सरकार को अरबों रुपए का नुकसान पहुंचाने वाले और पचास जिंदगियां लीलने वाले शराब घोटालों में एसआईटी की जांच सच को सामने लाने में अक्षम है। सरकार को जवाब देना पड़ेगा कि क्या इतना बड़ा घोटाला बिना राजनीतिक और चंडीगढ़ के सचिवालय के सरंक्षण के संभव हो सकता है? अहम सवाल यह है कि क्या वे विभागीय अधिकारी बिना किसी राजनीतिक शह या बड़ी ताकत के आदेश के इतना बड़ा घोटाला कर सकते थे ? क्या विभाग के मंत्री और उपमुख्यमंत्री की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती? क्या उन्हें बिना जांच और पूछताछ के क्लीन चिट दी जा सकती है? क्या हरियाणा की कोई एजेंसी उनके पदों पर रहते निष्पक्ष जांच कर सकती है? शराब घोटाले की आधी-अधूरी ‘जाँच’ में छोटी मछलियों पर सारा दोष डाल राजनीतिक रसूख वाले असली गुनाहगारों का कौन बचाव कर रहा है?

मुख्यमंत्री खट्टर से सीधा सवाल करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि इतने बड़े घोटालों के बावजूद बड़ी मछलियों से कोई पूछताछ क्यों नहीं हुई। अगर पूछताछ ही नहीं होगी तो कार्यवाही कैसे संभव है, इसलिए हमें एसआईटी की जांच से सच बाहर आने कोई उम्मीद नहीं है। ‘स्पेशल इंक्वायरी टीम’ की रिपोर्ट से केवल आधा सच ही सामने आ सकता है। यह एक सार्वजनिक तथ्य है की कोरोना महामारी के लॉकडाउन के दौरान हरियाणा प्रदेश में दो बड़े ‘शराब घोटाले’ सामने आये, जिसमें चोर दरवाजे से औने पौने दामों पर बड़े स्तर पर शराब की बिक्री व तस्करी हुई और कुछ ‘चहेतों’ ने प्रदेश के सरकारी खजाने में आने वाले अरबों रुपए को अपनी जेबों में भरा। 

सुरजेवाला ने कहा कि हमारा पहले से ही मानना रहा है की पूरी सरकार शराब घोटाले की लीपापोती और शराब माफिया व सरकार में बैठे लोगों के गठजोड़ पर पर्दा डालने में लगी है, ऐसे में असली दोषियों के खिलाफ कार्रवाई केवल हाईकोर्ट की देखरेख में होने वाली स्वतंत्र जाँच से ही संभव है। ऐसे में बिना हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग के कोई भी ‘स्पेशल इंक्वायरी टीम’ हरियाणा शराब घोटाले के असली किंगपिनों और आकाओं से प्रश्न पूछने की हिम्मत नहीं जूटा सकती, इसलिए पूरे मामले की हाईकोर्ट मॉनीटरड जाँच ही होनी चाहिए ताकि असली गुनाहगारों को पकड़ा जा सके।

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