पंचायती धर्मशाला विवाद…मामले की जांच, जांच अधिकारी के लिए चुनौती !

मीडिया को देख एकाएक भड़क उठे जांच अधिकारी.
कब्जे की आरोपी प्रबंधक कमेटी सौंपने गई थी दस्तावेज. जांच अधिकारी पर  किसी प्रकार का कोई दवाब तो नहीं  

फतह सिंह उजालापटौदी ।   पटौदी विधानसभा क्षेत्र के हेलीमंडी इलाके में स्थित पंचायती धर्मशाला पर कब्जे के आरोप-प्रत्यारोप के बीच मामले की जांच पटौदी के नायब तहसीलदार को सौंप दी गई है । सोमवार को पंचायती धर्मशाला पर कब्जे की आरोपी प्रबंधन कमेटी जब तमाम अधिकृत दस्तावेज मामले के जांच अधिकारी नायब तहसीलदार प्रदीप पाहवा को सौंपने के लिए पहुंची, तो जांच अधिकारी मीडिया को मौजूद देख एकाएक भड़क उठे । ऐसे में कथित रूप से महसूस किया गया कि कहीं जांच अधिकारी पर भी किसी प्रकार का कोई दवाब तो नहीं ? बहरहाल यह तो इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट के बाद ही सामने आ सकेगा ।

लेकिन प्रबंधन कमेटी के द्वारा अपने जवाब और अपने पक्ष में जांच अधिकारी के सामने दस्तावेज सौंपते समय मीडिया की मौजूदगी को देख जांच अधिकारी असहज महसूस किए गए। ऐसे में बड़ा सवाल अपने आप ही बन गया कि इस पेचीदा आरोप-प्रत्यारोप , जमीन पर कब्जे के मामले में जांच किया जाना जांच अधिकारी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं ! इससे पहले पटौदी के एसडीएम कोर्ट के द्वारा हेलीमंडी पंचायती धर्मशाला पर प्रतिपक्ष के द्वारा लगाए गए सरकारी जमीन पर कब्जे के आरोप की जांच हेली मंडी नगरपालिका सचिव को सौंपी गई थी। जिसकी रिपोर्ट 29 जनवरी तक सौंपी जानी थी , इसी बीच अचानक से पंचायती धर्मशाला पर कब्जे के मामले की जांच पटौदी के नायब तहसीलदार प्रदीप पाहवा को सौंप दी गई । तो क्या यह मान लिया जाए हेली मंडी के नगर पालिका सचिव इस मामले की जांच करने में सक्षम रहे या फिर उनकी जांच से एसडीएम कोर्ट संतुष्ट नहीं ? यह जानकारी नहीं मिल सकी कि  हेलीमंडी पालिका सचिव के द्वारा क्या टिप्पणी के साथ अपनी जांच रिपोर्ट एसडीएम कोर्ट में सौंपी गई है । वही यह मामला पुलिस प्रशासन के पास भी पहुंच चुका है ।

बहर हाल करीब 7 दशक पुरानी इस सार्वजनिक पंचायती धर्मशाला पटौदी एसडीएम कोर्ट के आदेश अनुसार राष्ट्रीय आपदा काल कोरोना महामारी समय घोषित किया गया है , में भी ताला लटका कर सील लगा दी गई थी । यहां यह भी बड़ा सवाल है कि राष्ट्रीय आपदा काल जिसे कि अभी केंद्र सरकार के द्वारा पूरी तरह से समाप्त नहीं किया गया अथवा आदेश वापस नहीं लिए गए हैं , तो ऐसे मे ंगरीब मजदूर तबके के लोगों के ठहरने के वास्ते हेली मंडी क्षेत्र की एकमात्र पंचायती धर्मशाला पर सामाजिक और माननीय पहलुओं को दरकिनार करते हुए सील बंदी कर दी गई ? जबकि हाड जमा देने वाली ठंड में भी बहुत से गरीब मजदूर फेरी लगाने वाले रात को ठहरने के लिए जगह की तलाश में भटकते हुए देखे जा सकते हैं । सवाल यह है कि कड़ाके की सर्दी में जहां सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार स्थानीय निकाय विभाग द्वारा रेन बसेरे की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है , वही ऐसे भी आश्रय स्थल हैं जो कि मामूली से शुल्क पर लोगों को सर्दी से बचने के लिए आश्रय उपलब्ध करवाते हैं । लेकिन पटौदी एसडीएम कोर्ट के द्वारा मामले में झगड़े की प्रबल संभावना को देखते हुए यहां सील लगाने के आदेश जारी कर दिए गए।

इसके साथ ही पक्ष और प्रतिपक्ष को अपने-अपने आरोप-प्रत्यारोप के ठोस साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए निर्देश देते हुए पहले हेलीमंडी नगरपालिका सचिव को जांच के लिए सौंपा गया और उसके बाद अब जांच  पटौदी के नायब तहसीलदार प्रदीप पाहवा के पाले में आ चुकी है । सोमवार को पंचायती धर्मशाला हेली मंडी की मौजूदा प्रबंधक कमेटी अन्य गणमान्य लोगों के द्वारा पंचायती धर्मशाला हेली मंडी विवाद के जांच अधिकारी को 2 सितंबर 1943 से लेकर हालिया समय तक के तमाम रिकॉर्ड और दस्तावेज सौंप दिए गए हैं ।

प्रबंधन कमेटी के द्वारा सौंपे गए जवाब मे ं7 दशक का जो भी रिकॉर्ड है, वह उपलब्ध करवाने के साथ-साथ गरीब मजदूर और जनहित को ध्यान में रखते हुए अनुरोध किया गया है कि पंचायती धर्मशाला हेली मंडी पर कब्जे को लेकर प्रतिपक्ष के द्वारा जो भी आरोप लगाए गए हैं वह पूरी तरह से निराधार हैं। ऐसे में जिन भी लोगों के द्वारा अपने सामाजिक ,घरेलू व अन्य आयोजन के लिए पंचायती धर्मशाला हेली मंडी की बुकिंग करवाई हुई है, ऐसे तमाम लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए पंचायती धर्मशाला हेली मंडी का संचालन यथाशीघ्र संचालन कर रही प्रबंधन कमेटी को सौंपा जाए। जिससे कि जिन भी लोगों के द्वारा यहां बुकिंग कराई गई है, ऐसे तमाम लोग अथवा परिवार किसी अन्यत्र जगह पर मुंह मांगी कीमत पर अपने आयोजन के लिए मजबूर ना हो । बहरहाल पंचायती धर्मशाला पर कब्जे की आरोपी बनाई गई प्रबंधन कमेटी के द्वारा अपना जवाब और तमाम दस्तावेज जांच अधिकारी नायब तहसीलदार प्रदीप पाहवा को सौंप दिए गए हैं । अब देखना यह है कि वह किस प्रकार से और कितनी जल्दी अपनी रिपोर्ट संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों अथवा पटौदी एसडीएम कोर्ट को उपलब्ध करवा सकेंगे।

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