केंद्र व राज्य सरकारें चंद कारपोरेट घरानों कि तिजौरियाँ भर रही. देश के 48 करोड़ मजदूरों को पूँजीपतियों का गुलाम बनाने का षडयंत्र. सड़कों पर उतर कर अपने भविष्य को बचाने के लिए लड़ाई ़लड़ेंगे फतह सिंह उजाला पटौदी। सरकार की मजदूर, किसान व जन विरोधी नीतियों के विरुद्ध हरियाणा भर में भाजपा के मंत्रियों, सांसदों व विधायकों का 14 फरवरी को घेराव कर उनसे जबाब तलब किया जाएगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला सीआईटीयू की जनरल बॉडी मीटिंग कामरेड कंवर लाल यादव की अध्यक्षता में संपन हुई । जिसका संचालन सीआईटीयू के जिल सचिव धर्मवीर ने किया। बड़ी संख्या में आए सीआईटीयू संबन्धित यूनियनों के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुये सीआईटीयू के राज्य उपाध्यक्ष कामरेड सतवीर सिंह ने कहा कि भाजपा कि केंद्र व राज्य कि सरकारें देश विदेश के चंद कारपोरेट घरानों कि तिजौरियाँ भरने पर लगी हुई है। देश के सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र को अदानी अंबानी जैसे व्यापारियों को कौड़ियों के भाव सौंपा गया है। मजदूर कानूनों में बदलाव करके देश के 48 करोड़ मजदूरों व हमारी भावी पीड़ियों को पूँजीपतियों का गुलाम बनाने का कार्यक्रम सरकार ने आरंभ कर दिया है। इस लूट व शोषण के खिलाफ तथा सार्वजनिक क्षेत्र को बचाने , बेहतर वेतनमान, स्थायी व सम्मान जनक रोजगार के लिए हम लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। भवन निर्माण व मनरेगा मजदूर, रेहड़ी पटड़ी व छोटा दुकानदार, आटो व रिक्शा चालक, फेकटरी व दिहाड़ी मजदूर, आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मील, क्रेश वर्कर, ग्रामीण चोकीदार, ग्रामीण सफाई कर्मी, वन व भट्ठा मजदूर, दवा प्रतिनिधि व बीमा एजेंट आदि सभी अपनी मांगो को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत है, मगर सरकार मजदूरों कि मांगों का समाधान नहीं कर रही है। हाल ही में भाजपा ने देश कि खेती किसानी व खाद्य सुरक्षा को उजाड़ने के लिए भी तीन कानून पारित कर दिये। दो महीने से ज्यादा समय से देशभर के लाखों लाख किसान भी इन कानूनों के विरुध सड़कों पर संघर्षरत है। मगर भाजपा य इन काले कानूनों को वापिस लेने के बजाय अपने पूंजीपति यारों के लिए बड़ी क्रूरता से मजदूरों व किसानों का खून निचोड़ने पर आमादा है। इसलिए आज देश के 99 प्रतिशत मेहनतकश अवाम को एकजुट हो कर इन पूँजीपतियों के रहनुमाओं की घेराबंदी कर उनसे जबाब मांगना है। सड़कों पर उतर कर अपने भविष्य को बचाने की यह लड़ाई हमें लडनी ही होगी। मजदूर संगठन सीआईटीयू ने निर्णय लिया है की राज्य भर में सरकार के मंत्रियों की घेराबंदी की जाएगी। गुड़गाँव में 14 फरवरी रविवार के दिन, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का घेराव किया जाएगा। मजदूर संगंठनों की मांग है की मजदूर विरोधी चारों लेबर कोड व खेती तथा खाद्य सुरक्षा को उजड़ने वाले तीनों कानून रद्द किए जाएँ। प्रस्तावित बिजली संशोधन बिल 2020 को निरस्त किया जाए। न्यूनतम वेतन 24 हजाए रुपये प्रतिमाह तुरंत लागू किए जाए। 90 दिनों की शर्त समाप्त कर निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड में मजदूरों का रजिस्ट्रेशन कर सभी देय लाभ उपलब्ध करवाए जाएँ। आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मील, क्रेश कर्मी, ग्रामीण सफाई कर्मी व चोकीदारों, स्वास्थ्य, आरोही स्कूलों समेत तमाम ठेका कर्मियों को पक्का किया जाए। मनरेगा में साल भर के लिए 200 दिन का काम के साथ 700 रुपये दिहाड़ी दी जाए। भट्ठा मजदूरों पथेर का रेट रु॰ 725ध्- किया जाए। रेहड़ी पटड़ी दूकानदारों के लिए “पथ विक्रेता कानून 2014 को लागू करो। गैर आयकर डाटा परिवारों को 7500 रु व प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज निशुल्क वितरित किया जाए। सेल्स प्रमोशन एम्प्लॉईस एक्ट 1976 का अनुपालन करते हुये दवा प्रतिनिधियों के काम के आठ घंटे सुनिश्चित किए जाएँ। बेंक, बीमा, रेलवे सहित सार्वजनिक क्षेत्र व सरकारी विभागों का निजीकरन बंद हो। ठेका प्रथा बंद करते हुये नौजवानों को स्थायी भर्ती किया जाए। निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा व सामाजिक सुरक्षा प्रत्येक मजदूर के लिए लागू की जाए। मीटिंग में भवननिर्माण कामगार यूनियन, आशा वर्कर यूनियन, आंगनवाड़ी यूनियन, मिड डे मील यूनियन, द्रोण रेहड़ी पटरी फेरी कमेटी,एमईएस एस एल, ग्रामीण सफाई कर्मचारी, वन मजदूर यूनियन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने हिस्सा लिया। सीआईटीयू के जिला सह सचिव एस एल प्रजापति, जिला उपाध्यक्ष प्रबीर भट्टाचार्य, एमईएसएल के प्रधान जगबीर सिंह व सचिव बलबीर सिंह, रेहड़ी पटड़ी के जिला प्रधान योगेश कुमार व सचिव राजेन्द्र सरोहा, नौजवान सभा के जिला संयोजक रोहीन गर्ग, मिड डे मील की जिला प्रधान मूर्ति व आशा वर्कर जिला प्रधान मीरा ने भी संबोधित किया। Post navigation चिकित्सा विज्ञान में भारत बना दुनिया का सिरमौर: जरावता पंचायत का आयोजन…यादव संख्या 27 करोड की फिर भी अहीर रेजिमेंट नहीं !