चंडीगढ़, 28 जनवरी – हरियाणा में साल 2020 में न केवल सड़क हादसों में कमी आई बल्कि दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या भी कम हुई। राज्य में विगत वर्ष 9431 सड़क दुर्घटनाएं हुई जो वर्ष 2019 में दर्ज हादसों की तुलना में 13.82 प्रतिशत कम हैं। जहां 2019 में प्रतिदिन लगभग 30 सड़क हादसे रिर्पोट हुए वहीं पिछले साल यह आंकडा 26 रहा। इसी प्रकार, सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में भी 10.87 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जबकि घायलों की संख्या में भी 18.19 प्रतिशत की प्रभावशाली गिरावट देखी गई। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) श्री मनोज यादव ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस द्वारा निंरतर किए जा रहे बेहतर टैªफिक प्रबंधन, सुरक्षा मानकों में विस्तार, यातायात नियमों का बेहतर प्रवर्तन के साथ सड़क एवं यातायात सुरक्षा के बारे में निरंतर जागरूकता से ही सड़क हादसों और इससे होने वाली मृत्यु दर में कमी संभव हो सकी है। हालाँकि, कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन नेे भी सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में योगदान दिया। डीजीपी ने सडक सुरक्षा के आंकड़ों को साझा करते हुए बताया कि 2020 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 1513 की गिरावट के साथ 9431 देखी गई, जबकि 2019 में यह आंकडा 10944 था। सडक हादसों में होने वाली मृत्युदर भी अपेक्षाकृत कम रही। जहां 2019 में सड़क हादसे में 5057 लोगों की मृत्यु हुई थी, वहीं 2020 में 550 की गिरावट के साथ यह आंकडा 4507 दर्ज किया गया।इसी प्रकार, सड़क हादसों में घायल होने वालों की संख्या में भी 1703 मामलों की प्रभावशाली गिरावट आई। 2019 में घायल हुए 9362 व्यक्यिों की तुलना में जनवरी से दिसंबर 2020 के बीच 7659 व्यक्तियों के घायल होने के मामले सामने आए। मानव जीवन को बहुमूल्य बताते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस द्वारा दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल प्राथमिक चिकित्सा सहित दुर्घटरनाग्रस्त वाहनों को हटाने के लिए सभी जिलों में 84 एम्बुलेंस, 40 बड़ी क्रेन और 22 छोटी/मध्यम क्रेन मुहैया करवाई गई हैं। इसके अतिरिक्त, दुर्घटना पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ हर 10 किलोमीटर पर 45 ट्रैफ़िक सहायता बूथ भी स्थापित किए गए हैं। ….. ताकि और जीवन बचाए जा सकें हम ब्लैक स्पाॅट की पहचान कर उन्हें प्राथमिकता पर सुधारने, सड़कों की स्थिति में सुधार करने व साइनेज लगाने जैसे सुधारात्मक उपायों की एक श्रृंखला पर भी काम कर रहे हैं। साथ ही, नशा करके गाड़ी चलाने वालों सहित स्पीड पर भी नजर रख रहे हैं, जो दुर्घटना के प्रमुख कारणों में से एक है। वहीं, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी यात्रियों को सड़क एवं यातायात सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जा रहा है। सड़क सुरक्षा की दिशा में पुलिस द्वारा निरंतर किए जा रहे प्रयासों के परिणामस्वरूप मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में सड़क दुर्घटनाओं और मृत्युदर में और कमी आएगी। Post navigation गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुई कार्यवाही निन्दनीय। दोदवा कालका से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी सहित 15 दोषियों को हिमाचल में 3-3 साल की सजा