चण्डीगढ,27जनवरी:-हरियाणा रोङवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान दलबीर किरमारा,वरिष्ठ राज्य उप-प्रधान बलवान सिंह दोदवा, महासचिव आजाद गिल,उप-
महासचिव जगदीप लाठर,कैशियर सुभाष विश्नोई,आडिटर विमल शर्मा व चेयरमैन सुरेश लाठर ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए बताया कि 26जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में लालकिले पर हुई घटना की युनियन कङे शब्दों में निंदा करती है तथा केन्द्र सरकार से अपील करती है कि वो जल्द से जल्द संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाकर कृषि विरोधी तीनों कानूनों को वापिस ले ताकि देश में भाईचारा व अमन शान्ति का माहौल स्थापित हो।

उन्होंने कहा कि लाल किला देश की धरोहर व शान है जिस पर केवल भारत का तिरंगा झंडा ही फहराने की परम्परा है लेकिन गणतंत्र दिवस पर किसान आन्दोलन की आङ में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा शान्तिपूर्वक तरीके से चल रहे किसान आन्दोलन को बदनाम करने के लिए लाल किले पर जातिगत व धर्म पर आधारित झंडा फहराकर माहौल बिगाड़ने का जो काम किया गया वह निन्दनीय है। ऐसा करके उपद्रवियों द्वारा किसानों व सरकार के बीच टकराव बढाने का काम किया गया है।

किरमारा,दोदवा व गिल ने आरोप लगाया है कि 26जनवरी को लाल किले पर हुई शर्मसार घटना के लिए पूर्ण रूप से केन्द्र सरकार जिम्मेदार है

क्योंकि संयुक्त किसान मोर्चा के साथ 9-10 दौर की वार्ता होने के बावजूद भी सरकार टाल मटोल का रवैया अपनाती रही तथा आन्दोलन खत्म करवाने में नाकाम रही। लगातार 2 महीने से चल रहे किसान आन्दोलन का बातचीत के माध्यम से समाधान न निकालना भी सरकार की विफलता को दर्शाता है। अगर सरकार चाहती तो कोई न कोई रास्ता निकालकर आन्दोलन खत्म करवा सकती थी लेकिन केन्द्र सरकार ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने केन्द्र सरकार पर निशाना साधा कि जब उपद्रवियों द्वारा लाल किले पर जाकर झंडा फहराने की योजना बनाई जा रही थी तो देश का खुफिया तंत्र कहां सो रहा था तथा दिल्ली में घुसने से पहले उपद्रवियों को क्यों नहीं रोका गया।

पुलिस प्रशासन व फ़ोर्स को हुङदंगियो के खिलाफ कार्यवाही न करने के आदेश देकर भी सरकार ने उनको मरने पर मजबूर कर दिया तथा सैंकड़ों पुलिस अधिकारी व कर्मचारी इस घटना में गम्भीर रूप से घायल हो गए। इस घटना को किसान आन्दोलन में शामिल लोगों ने नहीं बल्कि अवैध रूप से घुसे असामाजिक तत्वों ने इसे अंजाम देने का काम किया है। इसलिए युनियन संयुक्त किसान मोर्चा व सरकार से अपील करती है कि इस संकट की घड़ी में शान्ति बनायें रखें तथा धैर्य से काम लें ताकि देश का माहौल खराब न हो।

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