देश के साथ पूरे विश्व की नजर भी किसानों की ट्रैक्टर परेड पर टिकी – हुड्डा. आपसी तालमेल, अनुशासन और संयम से ट्रैक्टर परेड को सफल बनाएं किसान- हुड्डा चंडीगढ़, 25 जनवरी : शांति, संयम और अनुशासन के रास्ते पर चल रहे देशव्यापी किसान आंदोलन की जीत तय है। यह दावा किया है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने। किसान आंदोलन को पहले दिन से अपना समर्थन दे रहे हुड्डा ने इतने बड़े आंदोलन को शानदार और बेहतरीन ढंग से चलाने वाले किसान नेतृत्व की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को 2 महीने से ज्यादा समय बीत चुका है। लोकतंत्र में अनुशासन और अंहिसा किसी भी आंदोलन का सबसे बड़ा हथियार होते हैं, जिसे किसान आंदोलन ने बखूबी समझा है। लोकतंत्र में इस रास्ते पर चलकर मुश्किल से मुश्किल लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने सभी नागरिकों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने महान् स्वतंत्रता सेनानियों, देश की एकता अखंडता के लिए जीवन बलिदान करने वाले वीर सैनिकों को नमन किया। हुड्डा ने गणतंत्र दिवस के दौरान निकलने वाली ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों से पूरी एहतियात बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की नजर इस परेड पर टिकी हुई है। लाखों की तादाद में ट्रैक्टर इस परेड में हिस्सा ले रहे हैं। ऐसे में सभी किसान परेड के दौरान संयम बरतें, वाहनों के बीच उचित दूरी और अपनी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखें। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर पहले से ही लाखों किसान इस आंदोलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर चुके हैं। ट्रैक्टर परेड में कई गुणा ज्यादा किसानों के शामिल होने की उम्मीद है, जिससे इस परेड मार्च में ऐतिहासिक जनभागीदारी तय है। ऐसे में परेड को संचालित करने के लिए विशेष व्यवस्थाओं की जरूरत पड़ेगी, जिसमें सभी को सहयोग करना चाहिए। भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में ये पहला मौका है, जब इतनी बड़ी ट्रैक्टर परेड होने जा रही है। किसान आंदोलन में अब तक करीब 150 किसान अपनी जान कुर्बान कर चुके हैं, लेकिन सरकार अब भी उनकी बात मानने को तैयार नहीं है। सरकार को समझना होगा कि यह सिर्फ किसानों का नहीं बल्कि जन-जन का आंदोलन बन चुका है। मजदूर, कर्मचारी, छोटा कारोबारी, हर वर्ग इस आंदोलन में किसानों के साथ खड़ा है। लोग जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र और राजनीति से ऊपर उठकर किसानों का समर्थन कर रहे हैं। सरकार आंदोलन को जितना लंबा खींचेगी, ये उतना ही बड़ा होता जाएगा। इसलिए, सरकार को जनभावनाओं का सम्मान करते हुए तुरंत किसानों की मांगों को स्वीकार करना चाहिए। Post navigation आंनद सिंह दांगी एवं कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा साजिश के तहत उन्हेें बदनाम करने की कोशिश की गई: अभय चौटाला पुलिस मुख्यालय में राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर शपथ का आयोजन