आंनद सिंह दांगी एवं कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा साजिश के तहत उन्हेें बदनाम करने की कोशिश की गई: अभय चौटाला

रोहतक सेशन कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका खारिज कर अभय सिंह चौटाला व अन्य को दी कलीन चीट

चंडीगढ़, 25 जनवरी: 1990 में महम उपचुनाव के दौरान बैंसी गांव में हुए एक झगड़े में हरि सिंह नामक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। उस सिलसिले में मृतक के भाई रामफल द्वारा केस को पुनर्विचार याचिका को अदालत ने सोमवार को खारिज कर दिया। इस याचिका में हरि सिंह द्वारा इनेलो के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय सिंह चौटाला व अन्य पर झूठे आरोप लगाते हुए 2018 में रोहतक की सेशन कोर्ट में रिवीजन फाइील की गई थी जिस पर सोमवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए रिवीजन याचिका को खारिज कर दिया। इससे पहले भी इसी रामफल नामक व्यक्ति ने महम अदालत में 2017 में याचिका दायर कर केस चलाने की मांग की थी जिसको महम अदालत ने जून 2018 में खारिज कर दिया था।  

इनेलो नेता ने अदालत द्वारा उनके व अन्य के हक में फैसला दिए जाने पर कहा कि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री और आंनद सिंह दांगी के इशारे पर साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई थी जिसको अदालत ने दो बार क्लीन चीट देकर यह साबित कर दिया की यह उन्हें जानबूझ कर फंसाने की साजिश थी। इनेलो नेता ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कांग्रेस द्वारा साजिश के तहत उनके पिता इनेलो सुप्रीमो को भी सजा करवाई थी। इनेलो सुप्रीमो  तो सजा काट रहे हैं परंतु भर्ती किए गए शिक्षक आज भी प्रमोशन ले कर नौकरी में बने हुए हैं।

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