महिलाओं से आगे ट्रैक्टर लेकर चलेगें सांसद केके रागेश.
कृषि कानून रद्द के साथ कर्जा माफी की मांग और जुड़़ी.
अंग्रेजो की नीति छोड़़  किसान विरोधी बिल रद्द किये जाएं

फतह सिंह उजाला

दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे के जयसिंहपुर खेड़ा बार्डर पर भारत की आजादी के महानायक नेता जी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंति पर पुष्प मालाएं अर्पित करते हुए कलाकारों ने ओजस्वी देशभक्ति गीतों से माध्यम से कृषि कानूनो को रद्द करने व देश की अखण्डता व भाईचारे को बनाए रखने के लिए रंगा रंगा संास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। वहीं ऑल इण्डिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव  कामरेड अमरजीत कौर ने वर्तमान केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम को मंच से ललकारते हुए कहा कि सरकार सुभाष चंद्र बोस के सपनों को चकनाचूर नहीं करें । संविधान के अनुरूप जब जनता का विरोध कृषि कानूनो व अन्य कानूनो को लेकर चल रहा है, तो देश के राजा को चाहिए कि वे प्रजा के हित में अपना फैसला दे ।  कृषि कानूनों को रद्द करने में ही पीएम मोदी की ही जीत है। प्रधानमंत्री को चाहिए कि वे एक कलम से जनहित में कृषि कानूनो को रद्द करके वाहवाही लूटें।  

इस मौके पर केरल के सांसद केेके रागेश जो बीते एक सप्ताह से खेडा बोर्डर पर तिरंगा ट्रैक्टर चालक की भूमिका निभा रहे है , उन्होंने  स्पष्ट रूप से कहा कि महिलाओ की ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा में स्वयं सांसद केके रागेश का ट्रैक्टर अवगानी करेगा । उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर तिरंगा मार्च शांतिपूर्ण होगा , हिंसात्मक नही होगा। यदि सरकार प्रशासनिक  तरीके से आंदोलन को कुचलने की कोशिश करेगी ट्रैक्टर मार्च अपना  लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पीछे नही हटेगा । भारत की आजादी से पूर्व अंग्रेजो के शासन काल में इस्ट इण्डिया कम्पनी को भगाने में अनेंको वीर सपूतो, किसान, कमेरे वर्गो ने लोहा लेकर भारत से लौटने के लिए मजबूर कर दिया था । जिसमें शहीद भगत सिंह , सुभाष चंद्र बोस व अनेंको महान देश भक्तों ने अपना बलिदान दिया । आज देश का नागरिक  जागरूक है, वह लडाई  लडना जानता है , लेकिन  उनका आदोंलन शंातिपूर्ण ढंग से जारी है । यह किसी एक पार्टी का नही बल्कि देश के कमेरे वर्गो , अन्न दाता जिसने महामारी कोविड के समय पूर्ण योगदान देकर किसी भी गरीब को भूखा नही मरने दिया ।

यहां बार्डर पर विभिन्न वक्ताओं ंने दो टूक शब्दों में कहा कि देश का किसान अपने-अपने और विभिन्न राज्यों से तिरंगा ट्रैक्टर मार्च के साथ विभिन्न प्रकार की ऐतिहासिक झांकियों के साथ 26 जनवरी गणतंत्रता दिवस पर गण को बचाने के लिए शांतिपूर्ण ढंग से ट्रैक्टर मार्च करेगा । जो विश्व के इतिहास में भी दर्ज किया जाएगा। साथ ही चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि हरियाणा व अन्य राज्यो के द्वारा लगाए गए अवरोधको से गणतंत्रता दिवस पर ट्रैक्टर मार्च  को बाधित ना करे । किसानों और ट्रैक्टर मार्च शंातिपूर्ण होगा । यदि इसमें किसी प्रकार की जनहानि या कोई विघन पैदा हेाता है,  उसकी जिम्मेवारी स्वयं वर्तमान केंद्र सहित राज्य सरकार की होगी ।

अखिल भारतीय किसान सभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमराराम व राजाराम मील, पूर्व विधायक पवन दुगगल, पूर्व विधायक राजस्थान पैमाराम, छगन लाल चैधरी ने सरकार को चेताते हुए कहा कि संयुक्त मोर्चा दिल्ली के आहवान पर ट्रैक्टर मार्च का शंातिपूर्ण ढंग से मार्च किया जाएगा । उन्होंने  सरकार को चेताते हुए कहा कि 120 किसान कृषि बिल को लेकर वीरगति को प्राप्त हो चुके है, किसान पिछले दो माह से कृषि कानूनो को रद्द करा कर घर वापस लौटने के  लिए सड़को पर है । उन्होनें स्पष्ट किया कि जब तक कृषि कानून वापस  नही हेागें 26 जनवरी के उपरंात भी आंदोलन जारी रहेगा । तारा चंद सिदधु, कालू राम थौरी, भारतीय किसान  यूनियन के अलवर जिला प्रधान बलबीर छिल्लर ने स्पष्ट किया कि यदि प्रधानमंत्री व वर्तमान सरकार किसानो ंकी आहूति चाहते है तो वे पीछे नही हटेंगे । प्रशासन को चाहिए कि वे शांतिपूण मार्च में किसानों का सहयोग करे।  संयुक्त मोर्चा के आहवान पर  तीन कृषि कानून रद्द करने के साथ अब किसानों की कर्जा माफी योजना की मांग को जोड़ दिया गया । अब इस नई मांग को लेकर किसानों में जोश बढता जा रहा है ।

यहां जारी क्रमिक अनशन के 42वें दिन आंध्रप्रदेश के पी.महेश, जी.ईश्वर, आर. गंगाधर, राजस्थान के डुंगरपुरा सुभाष शाहु,  संदीप वर्मा, नानू कटारा, शंकर आहरी, सुरजमल पुनिया, राजेश भिरान, हवा सिंह, ओबरा भिवानी, रमेश शर्मा मिरान भिवानी व निहालसिंह राजस्थान शामिल रहे ।

 सांस्कृति कार्यक्रम में दिल्ली जेएण्डयू के नाटक  कलाकारो ने दानादाना इंकलाब गीत व नाटको के माध्यम से भारत के महान सपूत नेता जी सुभाष चंद्र बोस को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए । साथ ही विक्रम सिंह, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन ज्वांईट सचिव, चिमनाराम पाण्डल, बादल सरोज संयुक्त सचिव अखिल भारतीय किसान सभा,  विद्यासागर, चैधरी आस मोहम्मद, अमर सिंह, जगदीश हाण्डा, बाबा जोगा सिंह आदि ने अपने विचार रखे ।

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