हरियाणा डोमिसाइल के लिए सरकार द्वारा बदले नियमों का भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किया विरोध
कहा- हरियाणा डोमिसाइल की 15 साल की शर्त को सरकार ने घटाकर किया 5 साल, अब कोई भी बनवा सकेगा हरियाणा का डोमिसाइल
हरियाणा के मूल निवासियों को कैसे मिलेगा 75% आरक्षण का लाभ- हुड्डा
हरियाणवियों के अधिकार सुनिश्चित करे सरकार- हुड्डा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दी नेता जी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि

23 जनवरी, रोहतकः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा डोमिसाइल के लिए सरकार द्वारा किए गए नियमों में बदलाव का विरोध किया है। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया है कि अब कोई भी शख्स जो 5 साल से हरियाणा में निवास कर रहा हो, वो यहां का डोमिसाइल बनवा सकता है। पहले ये मियाद 15 साल की थी। हुड्डा का कहना है कि एकतरफ प्रदेश सरकार प्राइवेट नौकरियों में हरियाणवियों को 75% आरक्षण का जुमला उछालती है, दूसरी तरफ सरकार ये दोहरी नीति क्यों अपना रही है?

हुड्डा ने कहा कि हम अन्य राज्यों के लोगों के खिलाफ नहीं है। लेकिन हर राज्य सरकार का दायित्व बनता है कि वो पहले अपने प्रदेश के लोगों के अधिकार सुनिश्चित करे। देश के कई राज्यों में स्थानीय निवासियों को नौकरी में प्राथमिकता के नियम बनाए गए हैं। ऐसे में हरियाणा को भी ये करने का अधिकार है। कांग्रेस सरकार के दौरान हमने प्रदेश की उद्योग नीति में हरियाणा वासियों को नौकरियों में प्राथमिकता की शर्त रखी हुई थी। उस वक्त प्रदेश में बेरोजगारी की दर बमुश्किल 2.8 प्रतिशत थी, लेकिन आज हरियाणा पूरे देश में बेरोजगारी के मामले में पहले पायदान पर है। CMIE यानी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के आंकड़े बताते हैं कि 2019 से ही लगातार हरियाणा बेरोजगारी में टॉप पर है। दिसंबर महीने के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश का युवा आज 32.5% बेरोजगारी दर झेल रहा है। इसका मतलब है कि हर तीसरा हरियाणवी बेरोजगार है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि ये हालात इसलिए हैं, क्योंकि सरकार नौकरी देने के बजाय नौकरियां छीन रही है। कभी शिक्षा सहायकों को नौकरी से निकाल दिया जाता है तो कभी सफाई कर्मचारियों को। कंप्यूटर ऑपरेटर, लैब अटेंडेंट, पीटीआई, ड्राइंग टीचर और अब खुद के लगाये ग्रुप-डी स्पोर्ट्स कोटे के 1518 कर्मचारियों को भी इस सरकार ने नौकरी से निकाल दिया है। कुल मिलाकर स्पष्ट है कि मौजूदा सरकार से हर वर्ग त्रस्त है, वो चाहे नौजवान हो या किसान हो।

हुड्डा ने कहा कि आज लाखों किसान दिल्ली के बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। किसान हर रोज़ अपनी जानें गंवा रहे हैं। लेकिन आंदोलन के दौरान ठंड में अपनी जान गवां देने वाले किसान परिवारों की मदद के लिए सरकार अब तक आगे नहीं आई। जबकि, पंजाब सरकार ने शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद के साथ घ नौकरी देने का भी ऐलान किया है। कांग्रेस प्रदेश सरकार से भी ऐसा करने की मांग करती है। लेकिन अगर मौजूदा सरकार ऐसा नहीं करती है तो हमारी सरकार बनने के बाद सबसे पहले ये काम किया जाएगा। साथ में उन्होंने दोहराया कि ये तीन कानून किसान ही नहीं आमजन विरोधी भी हैं। दिल्ली के चारो तरफ कड़कडाती ठंड में बैठे किसान इसलिए इन्हें सिरे से रद्द करने की मांग कर रहे हैं। सरकार को तुरंत उनकी मांग मान लेनी चाहिए।

गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। उन्होंने नेताजी को श्रद्धासुमन अर्पित किए और देश की आजादी में उनके योगदान को याद किया। हुड्डा ने कहा कि नेता जी का पूरा जीवन देश की आजादी के संघर्ष में बीता। वो देश के सच्चे नायकों में से एक थे। उनकी कुर्बानी और संघर्ष को देश कभी नहीं भूल सकता। ऐसे देशभक्त नायकों की वजह से ही हम आजाद भारत में सांस ले रहे हैं। नेता जी को श्रदांजलि देने के बाद हुड्डा ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया।

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