भिवानी/मुकेश वत्स  

पुरातन काल से भारतवर्ष को ऋषि-मुनियों की तपोस्थली कहा गया है  जिसके कारण आज पूरे विश्व में भारत को  विश्व गुरु का दर्जा भी मिला है। यह सब संत महात्माओं के तपोबल के कारण ही संभव हुआ है। अगर संत ना होते जगत में तो जल मरता संसार यह कहना है। जोगी वाला मठ के मठाधीश बाबा वेद नाथ जी महाराज ने त्रिवेणी धाम के दसवीं वार्षिक भंडारे के अवसर पर उपस्थित श्रद्धालु भक्तजनों को व संत समाज को संबोधित करते हुए कहे।

इस अवसर पर कार्यक्रम की जानकारी देते हुए त्रिवेणी धाम के महंत बाबा ओम नाथ ने बताया कि नवग्रह स्थापना दिवस की अवसर पर आज 10 वें भंडारे का आयोजन किया गया है, जिसमें दूरदराज से आए संतों वह श्रद्धालु भक्तों ने मिलकर प्रसाद ग्रहण किया  

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