पहले दिन से ही स्पष्ट हैं किसानों की मांग, सबकुछ जानकर भी अनजान न बने सरकार- हुड्डाकल होने वाली वार्ता में किसानों की मांग माने सरकार – हुड्डाकिसानों की मांगे मानने की बजाय आंदोलन को ख़त्म करवाने के हथकंडे अपना रही है सरकार- हुड्डाहुड्डा ने लाढोत गांव के शहीद जवान राजेश के परिजनों से भी की मुलाक़ात, शहीद को दी श्रद्धांजलि 21 जनवरी, रोहतकः सरकार के रवैये से लगता है कि वो सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनने का नाटक कर रही है। उसे पता है कि किसान पहले दिन से तीन कृषि क़ानूनों की वापसी और एमएसपी गारंटी क़ानून की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। बावजूद इसके, सरकार मुद्दे को गोल-गोल घुमाकर कभी क़ानूनों में संशोधन की बात करती है, कभी कमेटी बनाने की तो कभी क़ानूनों को स्थगित करने की। ऐसा लगता है कि सरकार आंदोलन को ख़त्म करवाना ही नहीं चाहती। कल होने वाली वार्ता में किसानों की मांगों को सरकार द्वारा मान लिया जाना चाहिए, ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। आंदोलन के दौरान अपनी जान की कुर्बानी देने वाले किसानों के परिजनों से मिलने के दौरान हुड्डा लगातार भरोसा दिलाते रहे हैं कि किसानों के परिवार ख़ुद को अकेला महसूस ना करें। दु:ख की इस घड़ी में भी हम सब उनके साथ खड़े हैं। हुड्डा आज रोहतक के पाकस्मा गांव के शहीद किसान जयभगवान के परिजनों से मिलने पहुंचे थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले शहीद जयभगवान को श्रद्धांजलि दी और परिजनों को ढांढ़स बंधाया। गौरतलब है कि हुड्डा ने सरकार से आंदोलन में जान गंवाने वाले किसान को शहीद का दर्ज़ा देने, परिजनों को ज्यादा से ज्यादा आर्थिक मदद और नौकरी देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हम लगातार सरकार से ये मांग कर रहे हैं। लेकिन, मांग मानना तो दूर, सरकार किसानों के परिवार के प्रति सहानुभूति के दो शब्द भी बोलने को तैयार नहीं है। सरकार का ये संवेदनहीन रवैया सभी को कष्ट पहुंचाने वाला है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने अगर किसानों परिवारों की मदद नहीं की तो हमारी सरकार बनने के बाद इस काम को हम करेंगे। फिलहाल कांग्रेस विधायक दल अपनी तरफ से आन्दोलन में जान कुर्बान करने वाले प्रदेश के सभी किसान परिवारों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता कर रहा है। लेकिन, ज़रूरी है कि सरकार भी इन परिवारों की मदद के लिए आगे आए। हुड्डा ने कहा कि सरकार लगातार किसानों के सब्र का इम्तिहान ले रही है। सरकार की अनदेखी अन्नदाता के लिए जानलेवा साबित हो रही है। हार्ट अटैक, सर्दी और हादसों से लगातार किसानों की जानें जा रही हैं। कई किसान सरकार के उपेक्षात्मक रवैये के चलते आत्मबलिदान दे चुके हैं। किसान आन्दोलन के दौरान अलग-अलग वजहों से अब तक करीब 150 किसानों की जान जा चुकी है। बावजूद इसके, सरकार सत्ता के अहंकार में अड़ियल व असंवेदनशील रुख अपनाए हुए है। सरकार किसानों की मांगें मानने की बजाय आंदोलन को बदनाम करने व ख़त्म करने के लिये तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। सरकार एक तरफ तो किसानों के साथ बातचीत का दावा कर रही है वहीँ दूसरी तरफ, आन्दोलन में शामिल लोगों पर केस दर्ज कर उनका उत्पीडन कर रही है। झूठे केस दर्ज करने की बजाय सरकार सकारात्मक तरीक़े से किसानों से बातचीत करे और कल की बैठक में ठोस समाधान निकाले। पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा आज गाँव पाकस्मा के शहीद किसान जयभगवान के परिजनों से मिलने के बाद गांव लाढोत के शहीद जवान राजेश के यहाँ पहुंचे और परिवार से भी मिलकर शोक प्रकट किया। इस मौक़े पर उन्होंने शहीद राजेश को श्रद्धांजलि अर्पित की। Post navigation ढांसा बॉर्डर पहुंचकर विधायक बलराज कुंडू ने किसानों को किया सम्बोधित। टिकरी बॉर्डर पहुंचे विधायक बलराज कुंडू बोले – कृषि कानूनों को नाक का सवाल ना बनाये सरकार