Haryana Chief Minister Mr. Manohar Lal addressing Digital Press Conference regarding preparedness to tackle Covid-19 in the State at Chandigarh on March 23, 2020.

चंडीगढ़, 20 जनवरी: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने भ्रटाचार को खत्म करने के लिए आज एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए हरियाणा शेड्यूल रेट (एचएसआर) में संशोधन की घोषणा की है, जोकि सन् 1987 से अपरिवर्तित थीं । नई एचएसआर 1 मार्च, 2021 से लागू होगी। नई एचएसआर में सभी वस्तुएं शामिल होंगी, इसलिए गैर-अनुसूचित वस्तुएं लगभग समाप्त हो जाएंगी। एचएसआर कार्य मूल्यांकन और निविदा प्रस्तुतियों का आधार बनेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि आगे से एचएसआर हर पाँच वर्ष में संशोधित की जाएंगी।         

मुख्यमंत्री ने यह घोषणाएं आज यहां आयोजित प्रशासनिक सचिवों और सिविल इंजीनियर ठेकेदारों के साथ अपनी तरह की पहली बैठक की अध्यक्षता करने के दौरान की।        

 श्री मनोहर लाल ने यह भी घोषणा की कि अब से सिविल इंजीनियरिंग से संबंधित कार्यों के लिए राज्य-स्तरीय आईटी समाधान लागू किया जाएगा। यह आईटी प्रणाली 1 अप्रैल, 2021 से लागू की जाएगी। इस प्रणाली के तहत, ठेकेदारों को पंजीकरण करवाना होगा। इसके अलावा, पंजीकृत ठेकेदारों को बोली जमानत (बिड सिक्योरिटी) नहीं देनी होगी। बोली जमानत की अपेक्षा पंजीकृत ठेकेदारों से पंजीकरण के समय एक बोली-जमानत घोषणा फॉर्म लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब से सभी सिविल कार्यों की ई-टेंडरिंग की जाएगी, जिससे मैनुअल टेंडरिंग प्रक्रिया को समाप्त किया जा सके। साथ ही, आईटी आधारित तकनीकी मूल्यांकन और कार्यों का आवंटन भी ऑनलाइन किया जाएगा। इसके अलावा, ठेकेदारों द्वारा मापन बुक (एमबी) को मैनुअल तरीके से भरने की बजाय ई-एमबी किया जाएगा।        

 मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि ठेकेदारों के बिलों की पासिंग ‘ई-एमबी’ जमा करने के 21 दिनों के भीतर ‌उचित सत्यापन के साथ की जाएगी। विलंब होने पर उस अवधि के लिए ठेकेदार 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से विलंब भुगतान प्राप्त करेंगे। सरकारी विभाग के संबंधित इंजीनियर इस देरी के लिए उत्तरदायी होंगे। बिल पासिंग की आपत्तियां एक बार में नहीं की जाएंगी। यदि बिल पासिंग में देरी पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि अब बिलों का भुगतान बिल पास होने के 30 दिनों के भीतर किया जाएगा। ऐसा न होने पर देरी की अवधि के लिए 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज का भुगतान किया जाएगा। अगर 30 दिनों के अंदर भुगतान किया जाता है तो सरकार 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज बिल में से काटेगी।       

  श्री मनोहर लाल ने कहा कि एक करोड़ रुपये से अधिक के सभी कार्यों के मामले में तकनीकी मूल्यांकन की रिपोर्ट वेबसाइट (राज्य स्तरीय आईटी प्रणाली) पर अपलोड की जाएगी, ताकि कोई भी  इच्छुक व्यक्ति 7 दिनों के भीतर अपनी आपत्ति प्रस्तुत कर सके। ‌यदि कोई आपत्ति प्राप्त होती है तो आपत्ति के निस्तारण के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। आपत्ति के निस्तारण की अ‌वधि दो सप्ताह होगी। इसके अलावा, 1 करोड़ रुपये से अधिक की सभी निविदाओं में सत्यनिष्ठा इकरारनामे का समावेश होगा।        

 मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि एक ऑनलाइन शिकायत पोर्टल स्थापित किया जाएगा , जिसका प्रबंधन सतर्कता विभाग द्वारा किया जाएगा। कोई भी ठेकेदार इस पोर्टल पर भ्रष्टाचार के संबंध में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेगा। शिकायतों को सत्यनिष्ठा इकरारनामे के तहत नियुक्त किए गए स्वतंत्र बाहरी मॉनीटर्स को भेजा जा सकता है।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के निर्देशों का पालन करते हुए निविदाओं में कार्य-प्रदर्शन जमानत को 5 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया गया है। जिन मौजूदा समझौतों में अदालती मामला या मध्यस्थता कार्यवाही शुरू हो गई हो, उन्हें छोड़कर अन्य सभी समझौतों और सभी कार्यो के लिए अनुबंध के मूल्य की 5 प्रतिशत से 3 प्रतिशत तक कार्य – प्रदर्शन जमानत में कमी 31 दिसंबर, 2021 तक निविदा के लिए डाल दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने सिविल इंजीनियर ठेकेदारों को आश्वासन दिया कि बैठक में उनके द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों को भी आज किए गए सुधारों को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दे दिए जाएंगे।        

 सिविल इंजीनियर ठेकेदारों ने आज की इस अपनी तरह की पहली बैठक को आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री की प्रशंसा की। सिविल इंजीनियर ठेकेदारों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि ठेकेदारों द्वारा की गई शिकायतों के समाधान के लिए अधिकारियों और ठेकेदारों की एक समिति का गठन किया जाए। इस पर श्री मनोहर लाल ने कहा कि विभिन्न सरकारी परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने और शिकायतों को दूर करने के लिए विभागों के अनुसार अलग-अलग समितियों का गठन करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी. एस. ढेसी, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) और वास्तुकला विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस. एन. रॉय, नगर एवं ग्राम आयोजना और उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री ए. के. सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, प्रशासन सुधार विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री अमित कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री की उप-प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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