पटौदी नागरिक अस्पताल में 57 लोगों को दी गई डोज. एमएलए एडवोकेट सत्यप्रकाश ने किया अभियान आरंभ फतह सिंह उजालापटौदी । पटौदी का उपमंडल नागरिक अस्पताल जोकि गोविड, वैक्सिन भंडारण के लिए जिले का मुख्य सेंटर बना हुआ है, सोमवार को पटौदी उपमंडल नागरिक अस्पताल में कोविड वैक्सीनेशन का विधिवत रूप से शुभारंभ पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा वैक्सिग सेंटर का उद्घाटन किया जाने के साथ हुआ । पटौदी में कोरोना को हराने के लिए सबसे पहली वैक्सीन अर्थात टीका स्थानीय अस्पताल के ही आयुष विभाग के डॉक्टर सतीश को लगाया गया । इस मौके पर पटौदी उपमंडल नागरिक अस्पताल के एसएमओ डॉक्टर नीरू यादव, आई सर्जन डॉक्टर सुशांत शर्मा सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी मौजूद रहे। पटौदी नागरिक अस्पताल के एसएमओ डॉक्टर नीरू यादव ने बताया कि राष्ट्रव्यापी अभियान के आरंभ होने के बाद इसके अब विधिवत रूप से सभी पीएचसी और सीएससी सेंटर में सप्ताह में 3 दिन टीकाकरण अभियान के तहत पटौदी नागरिक अस्पताल में पहले दिन विभिन्न 57 लोगों को कोरोना से बचाने के लिए कोविशील्ड और कोवैक्सीन की डोज दी गई । इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी किए गए सभी दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया गया । गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान कोरोना पीड़ितों का उपचार करते हुए डॉ सतीश स्वयं कोरोना से पीड़ित हो गए थे । यही कारण रहा कि पटौदी नागरिक अस्पताल में डॉक्टर सतीश को ही सबसे पहला कोरोना बचाव का इंजेक्शन अथवा डोज दी गई । इस मौके पर एमएलए एडवोकेट सत्यप्रकाश जरावता ने कहा कि पटोदी नागरिक अस्पताल के लिए कोरोना की रोकथाम के वास्ते रीजनल कोल्ड चेंन सेंटर बनाना अपने आप में बहुत बड़ी बात और उपलब्धि है । पटौदी नागरिक अस्पताल से कोवीशिल्ड और कोवैक्सिंग की आपूर्ति फरीदाबाद ,पलवल, नूंह, रेवाड़ी और गुरुग्राम के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर की जाएगी । उन्होंने कहा कि करोना जैसी विश्वव्यापी महामारी को देखते हुए 1 वर्ष से भी कम समय के दौरान दुनिया में सबसे पहले दो-दो वैक्सिंन बनाना भारत के चिकित्सा विज्ञान के लिए और चिकित्सा वैज्ञानिकों के लिए गर्व और गौरव का विषय है । दुनिया में सबसे बड़ा कोरोना से बचाने का टीकाकरण अभियान भारत देश में आरंभ हो चुका है । यह सब भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति और भारत के ही विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ डॉक्टरों के ऊपर किए गए विश्वास का परिणाम है कि आज भारत दुनिया का पहला देश बन गया है , जहां पहले ही चरण में 3 करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को अथवा करोना काल के दौरान फ्रंट लाइन पर काम करने वाले कोरोना योद्धाओं को डोज दी जाएगी । जबकि दुनिया में करीब एक सौ देश ऐसे हैं , जिनकी कुल आबादी 3 करोड़ के आसपास ही है । उन्होंने देश के सभी ऐसे चिकित्सा वैज्ञानिकों और डॉक्टरों को बधाई दी जिन्होंने की रात दिन मेहनत करके कोरोना को हराने के लिए कोविशील्ड और कोवैक्सीन बनाने में कामयाबी हासिल की है । उन्होंने आम लोगों से भी अपील की है कि कोरोना की वैक्सीन को लेकर विभिन्न प्रकार की अफवाहों पर किसी भी प्रकार से ध्यान नहीं दें और जब भी कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए उनका नंबर आए तो स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन को भी अवश्य लगवाएं। Post navigation महिला किसान दिवस..महिला किसानों ने दिल्ली का तख्त हिलाने की भरी हुंकार शिक्षा क्षेत्र में उपलब्धि…समग्र विकास को शिक्षा, सड़क और स्वच्छ पानी जरूरी: जरावता