भिवानी/मुकेश वत्स

 किसान आंदोलन को कमजोर करने में आरएसएस व भाजपा अब ओच्छे हथकंडे अपनाने लगी है। किसान नेताओं पर कांग्रेसी होने व रूपये लेने के गंभीर आरोप लगाकर आरएसएस व भाजपा किसानों के हौसले को तोडऩा चाहती है, जो किसान नहीं होने देंगे। यह बात किसान नेता जोगेंद्र तालु ने जारी बयान में कही।

उन्होंने कहा कि जब भाजपा द्वारा किसानों के हौसले को किसी तरह से नहीं तोड़ा जा सका तो भाजपा ने किसानों में फूट डालने के उद्देश्य से भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी पर कांग्रेस के नेताओं से 10 करोड़ रूपये लेने व उनका कांग्रेस से जुड़ा होने का जो आरोप लगाया है, वह निराधार है। ये आरोप किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए लगाएं जा रहे है। उन्होंने  कहा कि पहले भी भाजपा सरकार द्वारा किसान आंदोलन को खालिस्तानी आंदोलन बताया था और अब किसान नेताओं पर बेबुनियादी आरोप लगाकर भाजपा आंदोलन को दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी मांगों को अडिग़ है और ऐसे निराधारा आरोपों का किसानों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि गुरनाम सिंह चढूनी एक ईमानदार और स्टैंडबद्ध नेता है, उनका मकसद सिर्फ किसानों की आवाज को मजबूत करने व कृषि कानूनों को खत्म करवाना है न कि किसी पार्टी से जुडकऱ अपनी राजनीति चमकाने का। किसान नेता जोगेंद्र तालु ने कहा कि जब तक कृषि कानून खत्म नहीं होंगे, तब तक किसानों का आंदोलन यू ही चलता रहेगा।

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