• 19 जनवरी की मीटिंग में किसानों की मांगों को स्वीकार करे सरकार
• किसान आंदोलन जन-आंदोलन में बदल चुका, किसान की नाराजगी राष्ट्रहित में नहीं
• दीपेंद्र हुड्डा ने सिंघु बार्डर पर बुनियादी सुविधाओं जैसे पानी, शौचालय, साफ-सफाई, फॉगिंग आदि का निरीक्षण किया और नगर निगम सोनीपत को जिम्मेदारी सौंपी
• स्थानीय विधायक व सोनीपत नगर निगम के नवनिर्वाचित मेयर को बुनियादी सुविधाओं की पूर्ति व बेहतर इंतजाम कराने के दिये निर्देश

सोनीपत, 18 जनवरी। नियमित तौर पर किसान धरनों पर पहुंचकर वहां इंतजामों को देखने के क्रम में सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज सोनीपत-दिल्ली स्थित 25किलोमीटर लंबे सिंघु बार्डर धरने पर पहुंचे और वहां बुनियादी सुविधाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान सोनीपत विधायक सुरेंद्र पंवार और नगर निगम के नवनिर्वाचित मेयर निखिल मदान भी साथ थे। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सोनीपत नगर निगम के मेयर निखिल मदान को धरनास्थल पर बुनियादी सुविधाओं जैसे पानी, शौचालय, साफ-सफाई, फॉगिंग आदि की पूर्ति के निर्देश दिये और नगर निगम सोनीपत को जिम्मेदारी सौंपी। इससे पहले उन्होंने इस संबंध में सोनीपत विधायक सुरेंद्र पंवार और मेयर निखिल मदान के साथ बैठक भी की।

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसान आंदोलन अब जन-आंदोलन का रूप धारण कर चुका है। हर व्यक्ति की जुबान पर एक ही बात है कि जिन कानूनों से किसान नाराज हैं, उन्हें किसानों के हित के नाम पर जबरदस्ती उन पर क्यों थोपा जा रहा है। सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिये इज्जत-बेईज्जती का सवाल न बनाए। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से टकराने की नीति बनाने की बजाय समाधान करे और कल यानी 19 जनवरी को होने वाली बैठक में किसानों की मांगों को स्वीकार करे। किसानों की मांग स्वीकार करना किसानों के हित में ही नहीं बल्कि देश हित में है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अन्नदाता की नाराजगी राष्ट्रहित में नहीं है।

उन्होंने कहा कि किसान का बेटा होने के नाते और बतौर जनप्रतिनिधि, पिछले 54 दिनों से चल रहे किसान आन्दोलन में सेवा करना उनका पहला कर्तव्य है। उन्होंने यह भी कहा कि आज देश का बच्चा-बच्चा किसानों की मांगों का समर्थन कर रहा है क्योंकि उनकी सारी मांगे जायज हैं। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि लम्बी-लम्बी मीटिंग के बाद भी नतीजा जीरो है। सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये की वजह से ही आंदोलन में बड़ी संख्या में किसानों की जान जा रही है। किसानों की मौतों के लिये सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। ऐसा लगता है कि सत्ता के घमंड में यह सरकार संवेदनहीन हो गयी है। उसने किसानियत और इंसानियत दोनो से नाता तोड़ लिया है। सरकार ने आर्थिक सहयोग व नौकरी देना तो दूर की बात, शहीद किसानों के परिवारों के प्रति सहानुभूति के 2 शब्द भी नहीं कहे। उन्होंने हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के निर्देश पर किसान संघर्ष में अपनी जान कुर्बान करने वाले हरियाणा के प्रत्येक किसान के परिवार को कांग्रेस विधायक दल द्वारा 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का धन्यवाद किया और कहा कि आगे भी हर संभव मदद की जायेगी।

इस दौरान विधायक सुरेंद्र पवार, विधायक इंदुराज नरवाल, सोनीपत मेयर निखिल मदान, हरियाणा यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन कुंडू, अर्जुन दहिया, सुरेन्द्र दहिया, मनोज रिढाऊ, सुरेन्द्र छिकारा, पवन बंसल, सुनील कटारिया, कमल हसीजा, मनोहर कुमार, राजीव सीकरी, ललित पवार, रणदीप दहिया, जसपाल खेवड़ा, दिनेश हुडा, सियाराम आंतिल, रवि दहिया सहित अनेकों स्थानीय लोग मौजूद रहे।

error: Content is protected !!