भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए जांबाजों के परिवारों को किया सम्मानित

भिवानी/मुकेश वत्स

भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए जांबाजों को नमन स्वरूप दिल्ली से चली विजय दिवस मशाल रविवार को भिवानी के नेहरू पार्क स्थित शहीद स्मारक पर पहुंची। हिसार से सेना अधिकारी व जवान विजय दिवस मशाल को लेकर पहुंचे। इस दौरान 1971 की लड़ाई में शहीद हुए सैनिकों व देश पर कुर्बान हुए अन्य अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में अमर शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया।

उल्लखेनीय है कि पूरे भारतवर्ष में स्वर्णिम विजय वर्ष जो कि सन 1971 में भारतीय सेना की पाकिस्तान पर जीत के 50वीं वर्षगांठ के रूप में मनाया जा रहा है । अदम्य साहस का परिचय देकर अपना बलिदान देने वाले अमर जवानों की याद में व उनको नमन स्वरूप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 दिसंबर 2020 को नई दिल्ली में भारतीय सेना को विजय मशाल सौंपी थी। यह मशाल हिसार मिलट्री स्टेशन कार्यालय 33 डिवीजन द्वारा रविवार को भिवानी लाई गई। शहर से गुजरने के दौरान नागरिकोंं ने विजय मशाल को शैल्यूट कर अमर शहीदों को नमन किया। सेना की गाडिय़ों में सवार सेना अधिकारी मशाल के साथ शहीद स्मारक पर पहुंचे और मशाल को शहीद स्मारक पर स्थापित किया। सबसे पहले सेनाधिकारियों ने अमर शहीदों को नमन किया।

वर्ष 1971 की भारत-पाक लड़ाई में शहीद हुए बलिदानियों के परिजन भी शामिल हुए। उन्होनें भी सेनाधिकारियों के साथ शहीद स्माकर पर पुष्पचक्र अर्पित किए। सेनाधिकारियों ने शहीद परिवारों के लोगों से बात कर उनका हौंसला बढ़ाया और अपनी ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के 19 परिवार पहुंचे, जिनमें तीन गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित भी थे। सभी को सेना द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कई शहीद परिवारों से वीरांगना भी शामिल हुईं। भारत-पाक युद्ध में गांव पैंतावास खुर्द के वीर चक्र से सम्मानित लेफ्टीनेंट कर्नल बलबीर सिंह पूनिया की वीरता के बारें में भी बताया गया, जिन्होंने लड़ाई में अपने अदम्य साहस का परिचय दिया था। सेनाधिकारियों ने बताया कि वे स्वास्थ्य कारणों से इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। वे इस लड़ाई मेंं जिला के एक मात्र वीरता चक्र से सम्मानित हैं।

error: Content is protected !!