रमेश गोयत

चंडीगढ़,17 जनवरी। किसान आंदोलन के समर्थन और बिजली संशोधन बिल 2020 को वापस लेने की मांग को लेकर देशभर के 15 लाख बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर 3 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में हरियाणा के बिजली कर्मचारी भी बढ़ चढ़कर शामिल होंगे।राष्ट्र व्यापी हड़ताल का आह्वान नेशनल कोर्डिनेशन कमेटी आफ इलैक्ट्रिसिटी इंप्लाईज एंड इंजीनियर (एनसीसीओईईई) ने किया है।

यह जानकारी देते हुए नेशनल कोर्डिनेशन कमेटी आफ इलैक्ट्रिसिटी इंप्लाईज एंड इंजीनियर के प्रमुख घटक ईईएफआई से संबंधित आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के प्रधान सुरेश राठी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, महासचिव नरेश कुमार व उप प्रधान एनपी सिंह चौहान ने बताया कि 3 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का नोटिस 18 जनवरी को विधुत विभाग के एसीएस को भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि बिजली संशोधन बिल 2020 अभी पास नही हुआ है। लेकिन इससे पहले ही केन्द्र सरकार ने स्टैंडर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट्स के माध्यम से चंडीगढ़ सहित केन्द्र शासित प्रदेशों में बिजली निजीकरण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है और उड़िसा में निजीकरण किया जा चुका है।

बिजली कर्मचारी नेताओं ने कहा कि किसान तीन कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल 2020 को वापस कराने और कृषि उत्पादों का एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर 53 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन के दौरान करीब 70 से ’यादा किसान शहीद हो चुके हैं। लेकिन केन्द्र सरकार किसानों की मांगों का समाधान करने की बजाय आंदोलन को लंबा करके पिटना चाहती है। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बिजली संशोधन बिल 2020 को वापस लेने की मांग को प्रमुख मांगों में शामिल करने के लिए आभार प्रकट किया।

error: Content is protected !!