रमेश गोयत

चंडीगढ़। इंटक चंडीगढ़ की कोर कमेटी की बैठक इंटक के प्रदेश अध्यक्ष नसीब जाखड़ की अध्यक्षता में हुई। यह बैठक सरकार द्वारा किसानों के ऊपर तीन काले कानून को थोपने के विरोध और किसानों के समर्थन बारे आगामी निर्णय को लेकर हुई।

नसीब जाखड़ और महासचिव कन्हैया लाल ने कहा कि आंदोलन को दो महीने होने को है और सौ से भी ज्यादा किसानों की अब तक मौत हो गई है। जीरो डिग्री तापमान और ठंडी हवाओं के साथ बारिश भी हुई है फिर भी अन्नदाता सड़कों पर डटा है और सरकार किसानों के सब्र का इम्तिहान ले रही है। सुई से लेकर जहाज तक हर प्रोडक्ट का एमएसपी और एमआरपी तय होता है लेकिन दुर्भाग्य है कि किसान कि अपनी ही उगाई हुई फसल का रेट खुद किसान तय नहीं कर सकता बल्कि मंडी में फसल ले जाने के बाद कोई और तय करता है।

इसलिए हम मांग करते हैं कि सरकार अपनी हठधर्मिता और दमनकारी नितियों को छोड़कर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करें और एमएसपी तय करें और तीनों बिलों को निरस्त करें अन्यथा चंडीगढ़ इंटक द्वारा 25 जनवरी को बड़ी संख्या में कार और बाइक रैली निकाली जाएगी। इस मौके पर इंटक से जुड़ी चंडीगढ़ यूटी सबआॅर्डिनेट सर्विस फेडरेशन के प्रधान रंजीत मिश्रा, महासचिव सुखबीर सिंह व इंटक के वरिष्ठ उपप्रधान चरणजीत सिंह ढींढसा व निर्मल सिंह आदि नेताओं ने अपने विचार रखे।