कौन लेगा इस प्रकार के होने वाले गंभीर हादसों की जिम्मेदारी. गांव पहाड़ी सहित आसपास के ग्रामीणों में बना है तीव्र रोष फतह सिंह उजाला पटौदी । गुरुग्राम पटौदी और रेवाड़ी के बीच में एक तरफ तो नेशनल हाईवे बनाने की तैयारी की जा रही है । दूसरी ओर इसी सड़क मार्ग पर पटौदी और रेवाड़ी के बीच में पहाड़ी गांव में बना फ्लाईओवर, मौत का फ्लाईओवर साबित हो रहा है । कछुआ चाल से बने इस ओवर ब्रिज का 6 सितंबर 2019 को तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह के द्वारा आनन-फानन में उद्घाटन किया गया था । उद्घाटन से पहले निर्माण के दौरान और उद्घाटन के बाद भी 14 करोड़ की लागतaवाले इस फ्लाईओवर के आधे अधूरे रहने पर यह फ्लाईओवर मीडिया में सुर्खियां भी बना रहा । निर्माण के दौरान ही इस फ्लाईओवर पर 2 लोगों की जान जा चुकी है । अब ताजा घटनाक्रम में घने कोहरे के बीच पहाड़ी के फ्लाईओवर से करीब 50 फुट नीचे एक कार धड़ाम से आ गिरी और कार में ही चालक बुरी तरह से फंस गया। जिसके कारण उसकी मौत हो गई । इस हादसे के संदर्भ में स्थानीय ग्रामीण रामपाल के मुताबिक वह प्रातः के समय भ्रमण के लिए गया हुआ था , तो उसी दौरान उसकी नजर फ्लाईओवर के नीचे गिरी और बुरी तरह से पिचकी हुई कार पर गई । इसके बाद उसने पास में ही एक जिम में एक्सरसाइज कर रहे स्थानीय युवाओं को मदद के लिए बुलाया, लेकिन बड़ी मुश्किल से जैसे – तैसे कार का दरवाजा तोड़ देखा तो तब तक चालक जिसकी पहचान दिनेश कुमार के रूप में की गई है मौत हो चुकी थी । इस घटना के बारे में बिना देरी किए पुलिस प्रशासन को सूचना दी गई । पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा और आवश्यक कार्यवाही करके मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया । पहाड़ी गांव के पास रेलवे फाटक संख्या 48 पर पीडब्ल्यूडी और रेलवे के द्वारा संयुक्त रूप से यह फ्लाईओवर बनाया गया । चुनाव से पहले आनन-फानन में 6 सितंबर 2019 को इस आधे अधूरे ओवरब्रिज का कथित राजनीतिक लाभ के लिए उद्घाटन भी कर दिया गया। लेकिन उद्घाटन के करीब 6 माह बाद ही 7 मार्च 2020 को 14 करोड़ का यह ओवर ब्रिज बीचो-बीच में अचानक से धंस गया। इस मामले में इस ओवरब्रिज को बनाने वाली ठेकेदार कंपनी के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया , वही आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों के द्वारा 14 करोड़ के इस फ्लाईओवर में कई प्रकार की खामियां भी बताई गई थी । इसके बाद से इस फ्लाईओवर के दोनों तरफ आवागमन के लिए और रोधक लगाकर छोड़ दिए गए। पुर्ननिर्माण-मुरम्मत के दृष्टिगत इस फ्लाईओवर के दोनों तरफ आवागमन के लिए अवरोधक लगाकर छोड़ गए थे। ऐसा माना जा रहा है कि घने गहरे कोहरे के कारण टैक्सी चालक संभवतया रास्ता भटक गया और बेध्यानी में सीधे फ्लाईओवर पर अपनी कार को ले गया और कार सीधे 50 फुट नीचे धड़ाम से आ गिरी । स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक इस हादसे के लिए सीधे-सीधे लोक निर्माण विभाग के अधिकारी ही जिम्मेदार और जवाबदेह हैं । जबसे यह ओवर ब्रिज बीचो बीच में से भरभरा कर धंसा, आवागमन के लिए नकारा बना हुआ है । उसके बाद से ही इस पूरे ओवरब्रिज को नए सिरे से बनाए जाने की मांग ग्रामीण करते आ रहे हैं । शनिवार को हुए इस दिल दहला देने वाले हादसे के बाद एक बार फिर से कई प्रकार के सवाल समस्या के रूप में बन गए हैं। Post navigation कोहरे का कहर…अलग-अलग सड़क हादसे में 2 की मौत 1 घायल जरूरतमंद 50 छात्रों को भेंट किए टेबलेट