मकर संक्राति का भारतीय सनातन संस्कृति में विशेष महत्व: विठ्ठल गिरि

मकर सक्रांति पर बूचावास गोशाला में हुआ हवन व भंडारा. धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्रद्धालुओं का मनोरंजन

फतह सिंह उजाला
पटौदी। मकर सक्रातिं पर्व के उपलक्ष्य पर महत लक्ष्मण गिरी विकलांग गोशाला बूचावास में सुबह हवन व भंडारे का आयोजन किया गया। सुबह सवा 8 बजे आयोजित हुये हवन में महंत अशोक गिरी, महाराज हवापुरी थानापति उतराखंड, महंत विद्यानंद गिरी, विजय भुरथला, मनवीर चैहान, कालू भंडारी बोहड़ाकलां, महंत इश्वरपुरी, पूर्व मंत्री विक्रम सिंह, अजय सीगड़ा के अलावा रवि छाबड़ा, मोहित शर्मा, बलवान सिंह, वीर सिंह, दलीप सिंह,मयंक तंवर सहित दूर-दराज से आये श्रद्धालुओं ने सर्व शांति के लिये आहुतियां अर्पित की।  

लक्ष्मण गिरि गोशाला के संचालक एवं अज्ञातवास को प्रस्थान किये हुए महाकाल संस्थान के अधिष्ठाता महामंडलेश्वर स्वामी ज्योति गिरि के शिष्य महंत विठ्ठल गिरी महाराज के सानिध्य में सवा 10 बजे भंडारा प्रारंभ हुआ । जिसमें प्रथम पंक्ति में साधु-संतो को प्रसाद वितरित कराने के साथ ही साधु-संत परंपरा के मुताबिक दक्षिणा भी भेंट की गई। महंत विठ्ठल गिरी ने इस मौके पर कहा कि मकर संक्राति का भारतीय सनातन संस्कृति और समय के कालचक्र सहित ज्योतिष विज्ञान में विशेष महत्व है। अनादीकाल से मकर संक्राति पर विभिन्न प्रकार से धर्म-कर्म सहित यथा सामर्थ दान की परंपरा चली आ रही है। मकर संक्राति को पुण्य सहित धार्मिक अनुष्ठान के लिए श्रेष्ठ माना गया है।

भंडारे में दूर दराज से आये श्रद्धालुओं को भोजन कराया गया। जिसकी व्यवस्था के लिये स्वयं सेवक जुटे रहे। गोशाला में पंहुचे श्रद्धालुओं ने गायों को चारा खिलाया ओर यथा शक्ति दान-दक्षिणा भी प्रदान की। समारोह में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम व झांकी भी प्रस्तुत की गई। जिसका श्रोताओं ने खूब आनंद उठाया। इस समारोह की तैयारयां पिछले पखवाडे भर पूर्व से जारी थी। गोशाला प्रबंधक महाराज विऋलगिरी की ओर से सैंकडों गावों के ग्रामीणों को दूरभाष एवं गांव पंहुचकर समारोह में शामिल होने के लिये निमंत्रण दिया गया था। उन्होंने चेलावास, रसूलपुर, खेड़ी, तलवाना, गुढा, बूचावास, झगडौली,अगिहार,आनावास, बागोत, झाड़ली, उच्चत, पाथेड़ा, केमला, उन्हाणी,धनौंदा, सिहोर, सहित अनेकों गावों के ग्रामीण समारोह में पंहुचे।

सबसे अधिक गौरतलब बात है कि दक्षिणी हरियाणा की इस गोशाला में अपाहिज व सड़क हादसों की शिकार अथवा दुुर्घनाग्रस्त हुई गायों का उपचार यहीं पर रखकर किया जाता है। जिनका ऑप्रेशन स्वयं महाराज विठ्ठल गिरी औैर पशु विशेषज्ञ डाक्टरों के द्वारा किया जाता है। ऑप्रेशन का खर्चा भी गोशाला की ओर से वहन किया जाता है। उनकी सेवा में गोभक्त जुटे रहते हैं। गोशाला के साथ में पत्थर तराशकर भव्य राधा कृष्ण, द्वारिकाधीश मंदिर निर्माणाधीन है।  

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