अपने आप गिर जाती हैं जनभावनाओं के ख़िलाफ़ चलने वाली सरकार- हुड्डा

14 जनवरी, रोहतकः बीजेपी-जेजेपी गठबंधन में जिस तरह की हलचल मची हुई है, इससे साफ है कि सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है। इसलिए दोनों पार्टियां अब अपनी सरकार बचाने के लिए संकट मोचक ढूंढ़ रही हैं। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से मुलाक़ात के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। रोहतक में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनभावनाओं के ख़िलाफ़ बनी गठबंधन सरकार लगातार जनविरोधी फ़ैसले ले रही है। आज प्रदेश का किसान, मजदूर, कर्मचारी, दुकानदार और छोटा कारोबारी हर तबका आंदोलनरत है। लेकिन गठबंधन के नेताओ का सारा ध्यान अपनी सरकार और कुर्सी बचाने पर है। हुड्डा ने कहा कि जनभावनाओं के ख़िलाफ़ चलने वाली सरकारें अपने आप गिर जाया करती हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्हें आज अन्नदाता की हालत देखकर दुख होता है। देश का पेट पालने वाले आज अपना घर छोड़कर दिल्ली बॉर्डर और अलग-अलग टोल प्लाजा पर कड़कड़ाती सर्दी के अंदर धरने पर बैठे हैं। 50 दिन में 70 किसानों की शहादत हो चुकी है। फिर भी सरकार का दिल नहीं पसीज रहा है। किसानों का दर्द समझने की बजाए सरकार उन्हें अपमानित करने और उकसाने में लगी है। एक तरफ केंद्र सरकार किसानों को तारीख़ों के फेर में उलझा रही है, वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री किसान पंचायतें करके टकराव के हालात पैदा करने में लगे हैं। जबकि किसान पूरे संयम और अनुशासन से अपने आंदोलन को चला रहे हैं। वो सरकार से किसी भी तरह का टकराव नहीं चाहते। उनकी मांग पूरी तरह जायज़ और स्पष्ट है। हम उनकी मांगों का पूर्ण समर्थन करते हैं।

हुड्डा ने कहा कि प्रदेश के हालात बेहद गंभीर हो चुके हैं। सरकार के प्रति लोगों का मोह इस कद्र भंग हो चुका है ,गठबंधन के नेताओ का सभी जगह विरोध हो रहा है। इन हालातों को देखते हुए हमने बार-बार राज्यपाल से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। सत्र में कांग्रेस किसानों के मुद्दे पर सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी ताकि जनता को पता चल सके कि कौन-सा विधायक आज सरकार के साथ खड़ा है और कौन-सा जनता के साथ।

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