भिवानी/मुकेश वत्स गांव आर्य नगर में किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद 21 किसानों पर मुकदमा दर्ज करने व कैमला में मुख्यमंत्री मनोहरलाल का विरोध करने वाले 71 किसानों पर मुकदमा दर्ज करने की निंदा करते हुए अखिल भारतीय किसान कांग्रेस की नेशनल ज्वाईंट कॉर्डिनेटर प्रिया ग्रेवाल ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी खरीद पर कानून की गांरटी किसानों के लिए जीवन मरण का सवाल बन चुका है। यही कारण है कि किसानों का शंाति पूर्ण आंदोलन एक जनक्रांति बन चुका है। हर जगह सरकार का विरोध हो रहा है। लाखों किसानों ने दिल्ली को इस कडक़ती सर्दी में सपरिवार घेर रखा है और बहुतों ने शहादत दी है। सभी टोल प्लाजों पर धरने और प्रदर्शन करके फ्री करवा रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी कार्यक्रमों का हर जगह शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया जा रहा है। इसी तरह आर्य नगर में विधानसभा के डिप्टी स्पीकर व कैमला गांव में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में किसान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जता रहे थे। लेकिन सुनियोजित तरीके से किसानों के खिलाफ कत्ल के इरादे जैसे गंभीर मुकदमें दर्ज किए गए हैं। इन किसानों ने ज्यादातर गठबंधन सरकार को 2019 के चुनाव में सत्ता लाने में अहम भूमिका निभाई थी। आज उन किसानों पर इस तरह के मुकदमें दर्ज करना सरकार की दमनकारी नीतियों को दर्शाता है। Post navigation सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत पर तीनों कानून रद्द होने तक आंदोलन रहेगा जारी : नितिन जांघू सैकड़ों ट्रैक्टरों ने शहर का चक्कर लगाकर 26 जनवरी की रिहसेल की