किसान-व्यापारी एक दूसरे के सुख दुख के साझीदार : नितिन जांघू

चरखी दादरी जयवीर फोगाट 

तीन कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से केंद्र सरकार को लताड़ लगाते हुए स्थगनादेश दिया है उसका स्वागत है पर जब तक तीनों कानून रद्द नहीं किये जाते किसान आंदोलन जारी रहेगा। इस बात का ऐलान कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए अनेक वक्ताओं ने कही। उन्होंने कहा कि हमारा संघर्ष इन काले कानूनों को रद्द करवाने के साथ एमएसपी की गारंटी लागू करवाने के लिए है और हमारा ये मिशन जनसहयोग से ऐसे ही अनवरत आगे बढ़ता रहेगा।                 

 किसान नेताओं ने कहा कि 26 जनवरी को किसान परेड की तैयारियां  शुरू कर दी गई हैं। लोगों में इसको लेकर बेहद जोश है। उन्होंने कहा कि 17 जनवरी को दादरी में और 18 को बाढड़ा में ट्रैक्टरों मार्च कर रिहर्सल की जाएगी। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 13 जनवरी को सभी धरना स्थलों पर तीनों काले कानूनों की प्रतियां जलाई जाएंगी।                 

 धरना स्थल पर आठवीं बार राहत सामग्री के रूप 950 किलो सब्जी-फल लेकर पहुंचे हरियाणा सब्जी मंडी के प्रधान नितिन जांघू ने कहा कि किसान- व्यापारी एक दूसरे के सुख-दुख के साझीदार हैं। केंद्र और राज्य सरकार ने दोनों पर वार किया है। तीनों काले कानून लागू होने से सरकारी मंडी तो खत्म होंगी ही एमएसपी भी नहीं बचेगी। किसान, मजदूर और आढ़ती सभी को बड़ा नुकसान होगा जिसकी भरपाई नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा अम्बानी अडानी की दलाली करने वाली सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए 36 बिरादरी एकजुट हो चुकी हैं।                 

  संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में  चल रहा अनिश्चित कालीन धरना खाप 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, राज सिंह धनाना, भाकियू जिला प्रधान राकेश आर्य, सुभाष यादव, समुन्द्र पूर्व सरपंच के संयुक्त अध्यक्षता में  कितलाना टोल पर 19वें दिन भी टोल फ्री रहा। किसान नेताओं ने करनाल जिले के कैमला में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का विरोध करने पर 900 निर्दोष किसानों पर मुकदमा बनाने की कड़ी आलोचना करते हुए निंदा प्रस्ताव पास किया।                 

 मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त एसडीएम इंद्र सिंह, संदीप भारती, राजू मान, हासिम अली, जमात अली, धर्मेन्द्र छपार, शमशेर सांगवान, सूबेदार सतबीर सिंह, अधिवक्ता ब्रह्मानंद, कप्तान चंदन सिंह, सज्जन सिंह सांगवान, महाबीर फौगाट, दलबीर सांगवान, जगराम, ओमप्रकाश, अत्तर सिंह, धर्मबीर, सज्जन सिंह इत्यादि मौजूद थे।

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