रमेेेश गोयत पंचकूला 10 जनवरी। पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल ने कहा कि गाय को हिंदू धर्म में माता का दर्जा दिया गया है और मां सडक़ों पर नहीं घूम सकती। हमारा उद्देश्य गायों का जीवन स्तर अच्छा करना है और गऊशालाओं में सभी गायों को पहुंचाना है। गायों के रखरखाव के लिये गऊशालाओं में बेहतर प्रबंध किये जा रहे हैं और भाजपा सरकार व गौसेवा आयोग भी अहम भूमिका निभा रहा है। कुलभूषण गोयल रविवार को श्रीमाता मनसा देवी परिसर के पास बनी श्रीमाता मनसा देवी गौधाम में तरसेम कांसल की ओर से आयोजित गौधाम परिक्रमा के अवसर पर बोल रहे थे। तरसेम कांसल ने कुलभूषण गोयल को मेयर बनने पर बधाई दी। कुलभूषण गोयल ने बताया कि सुखदर्शनपुर में गौशाला के उद्घाटन के बाद पंचकूला की सडक़ों से बेसहारा गायों को वहां छोडऩे का काम शुरु कर दिया जाएगा। गोयल के मुताबिक श्रीमाता मनसा देवी परिसर के पास बनी श्रीमाता मनसा देवी गौधाम में इस समय लगभग 1500 से अधिक गायों को रखा गया है। अग्रवाल हैल्पलाइन की ओर से सरकार को प्रस्ताव दिया गया था कि बीमार एवं घायल गायों के लिये अस्पताल बनाकर दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी, ताकि गायों को घायल या बीमार होने पर परेशानी ना हो।। कुलभूषण गोयल ने बताया कि इस समय गौशाला में गऊओं को चारा खिलाने के लिए वैसे तो रोजाना सैंकड़ों लोग आते हैं, लेकिन विशेष त्यौहारों के मौकों पर यह संख्या तीन से चार गुणा बढ़ जाती है। श्रद्धालु गऊओं को प्रसाद, गुड़, आटा, चारा, खिलाने और मासिक व वार्षिक दान भी करते हैं। रोजाना गऊओं को 150 से 200 क्विंटल चारा खिलाया जा रहा है और 4 से 5 हजार टन तूड़ी हर वर्ष गऊओं के लिए खरीदी जा रही है। 25 लाख रुपये तूड़ी प्रतिवर्ष खर्च किये जा रहे हैं, जबकि हरे चारे का खर्च इससे कई गुणा अधिक है। एक बाड़े में 150 से 200 गायों को रखा है। नये पैदा बछड़ों के लिए अलग व्यवस्था है और दूध देने वाले गायों को अलग से रखा गया है। इसी तरह बैल एवं सांडों के लिए अलग बाड़ा बनाया गया है। गऊशाला में ट्रस्ट की ओर से हर महीने 18 से 20 लाख रुपये का खर्च किया जा रहा है। कुलभूषण गोयल ने बताया कि गऊशाला ट्रस्ट में सभी गाय सरकारी हैं, जोकि नगर निगम द्वारा शहर के विभिन्न कोनों से पकडकऱ यहां छोड़ी गई है, जिनकी संख्या लगभग 1500 हो चुकी है। अब 250 ओर गाय रखी जाएगी। यह गाय पहले कूड़ा प्लास्टिक खाती थी, जिन्हें हरा चारा खाने की आदत डालने में कम से कम तीन महीने लग जाते हैं। गायों के खाने, पीने के लिए पर्याप्त तूडी, चारा, पानी एवं अन्य सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। गायों के लिए डाक्टर एवं दो फार्मासिस्ट रखे गए हैं, जोकि बीमार होने पर गायों का इलाज करते हैं और रूटीन चैकअप भी किया जाता है। Post navigation विजय बंसल ने मोरनी के ट्रांसपॉर्ट कमिश्नर को भेजा ज्ञापन हरियाणा सरकार किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को असफल करने का षडयंत्र रच रही है: डा. सुशील गुप्ता