भिवानी/मुकेश वत्स किसान मजदूर विरोधी कानूनों के खिलाफ अभियान को तेज करते हुए 12 जनवरी को जिला उपायुक्त कार्यालय का मजदूर,कर्मचारी और किसान घेराबंदी करते हुए आंदोलन को तेज करेंगे। इस घेराबंदी की तैयारियों के लिए आज नाथूवास, कालुवास, चांग, मिताथल, तिगड़ाना, घुसकनी आदि गावों में सभाओं को सबोधित करते हुए सीटू हरियाणा के कोषाध्यक्ष कामरेड विनोद कुमार, छात्र संगठन एस एफ आई के राज्य अध्यक्ष विनोद गिल, सीटू जिला प्रधान राममेहर सिंह व मजदूर नेता सुखदेव सिंह ने संबोधित किया। नेताओं ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने मजदूरों-कर्मचारियों व किसानों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। लाखों किसान 45 दिन कडक़ड़ाती ठंड और बारिश में भी सडक़ों पर हैै। परन्तु सरकार चन्द पूंजीपति घरानों के मुनाफों के लिए किसानों-मजदूरों को भूखमरी के कगार पर लाना चाहती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने मजदूरों के नए कानूनों के रूप में चार कोड बनाकर मजूदरों को गुलाम बनाने का ऐलान कर चुकी है। जिसको बर्दाश्त नही किया जा सकता। पक्की नौकरी व सारे अधिकार खत्म किए जा रहे हैं। संगठन नेताओं ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में मोदी सरकार कारपोरेट के हित में लोगों की जान लेने पर तुली है इस आंदोलन में अब तक 60 के करीब किसानों की मौत हो चुकी है। नेताओं ने कहा कि यदि सरकार किसानों मजदूरों की परीक्षा लेना चाहती है तो हम उसके लिए तैयार है। इन कानूनों को रद्द करवाने के लिए जो कुर्बानी देनी पड़ेगी हम पीछे नही हटेंगे। लेकिन जब तक खेती और खाद्य सुरक्षा को उजाडऩे वाले तीनों काले कानून वापस नहीं होते तब तक यह आंदोलन न केवल जारी रहेगा बल्कि और ज्यादा तेज होगा। इसी कड़ी में 12 जनवरी को भिवानी उपायुक्त कार्यालयों की घेराबंदी की जाएगी। इसके लिए राज्य भर में तैयारी जोरों पर है। जियो व अदानी-अंबानी के उत्पादों का बहिष्कार जारी रहेगा। Post navigation पेंशन न बढ़ाना सरकार के दिवालियेपन का सुबूत: सविता मान किसान बोले-चौधरी छोटूराम से सीख लें नरेंद्र मोदी