भिवानी/शशी कौशिक

 कांग्रेस नेत्री सविता मान ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार आए दिन नए जनविरोधी फैसले आमजन पर थोप रही है। गठबंधन सरकार अपने चुनावी वायदों से मुकर रही है। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने पैंशन बढ़ौतरी करने का वादा किया था वहीं जजपा ने पांच हजार रूपये पैंशन करने का वादा किया था। सरकार बनने के पहले वर्ष केवल 250 रूपये बढ़ाए गए थे वहीं इस बार सरकार ने आर्थिक तंगी का बहाना बनाकर 250 रूपये बढ़ाने से मना कर दिया है।

यह प्रदेश के बुजुर्गों व सामाजिक सुरक्षा पैंशन पा रहे अन्य लाभार्थियों से धोखा है। पैंशन धारकों को न तो पैंशन समय पर मिल रही है न रिटायरमैंट होने वाले कर्मचारियों को  उनकी जीपीएफ व अन्य  राशि समय पर मिल रही और अब पैंशन बढ़ाने से मना करना सरकार ने दिवालियेपन का सबूत दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि ऐसा किया क्या है, जिससे खजाना खाली हो गया और आर्थिक हालत खराब हो गई। कोरोना के बहाने केन्द्र व प्रदेश सरकार ने जनता से पीएम व सीएम रिलीफ फंड के नाम पर दान मांगा वो जनता ने दिल खोलकर दिया, प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों से प्रति क्विंटल पांच किलो गेंहू मांगा वो भी उन्होंने दिया लेकिन सरकार ने हिसाब नहीं दिया और अब हालत यह है कि सरकार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया।

सरकार का यह फैसला राज्य के 2739365 पैंशन लाभार्थी जिनमें करीब 1655 लाख बुढ़ापा और लगभग 7.21 लाख बेसहारा विधवा पेंशन धारक तथा शेष लाभार्थी आठ अन्य वर्गों के  हैं, के  साथ वादाखिलाफी है। उन्होंने सरकार से मांग की कि प्रेदश की आर्थिक हालत पर श्वेत पत्र जारी किया जाए। उन्होंने  कहा कि कोरोना की आड़ में प्रदेश सरकार अपनी नाकाबिलियत छुपा रही है। जबकि सच्चाई ये है  कि लॉकडाऊन के दौरान आम जनता को राहत देने की बजाय सरकार ने  घोटालों को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि तीन काले कानूनों को जबरदस्ती थोपकर जहां केन्द्र सरकार किसानों को चंद कार्पोरेट के घरानों का गुलाम बनाना चाहती है। वहीं देवीलाल की नीतियों की बात करने वाली जजपा ने इस जनविरोधी सरकार का साथ देकर यह साबित कर दिया है  कि इन लोगों को सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता है।  

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