सभ्य समाज ने नैशनल हैल्थ मिशन की नौकरियों को रद्द करने की मांग की

भिवानी/धामु

 नैशनल हैल्थ मिशन के अधिकारियों की लापरवाही बेरोजगार युवाओं पर भारी पड़ी। मिशन ने कोर्डिनेटर लॉजस्टिक की एक पोस्ट निकाली। इस अस्थायी पोस्ट के लिए दो दर्जन से अधिक आवेदक अपने कागजात चैक करवाने को मिशन मुख्यालय पंचकूला पहुंच गए। लेकिन आवेदकों को उस समय झटका लगा, जब कागजात चैक करने वाले कर्मचारी ने उनका बताया कि शैक्षणिक योज्यता पूरी न होने के कारण उनका फार्म रद्द किया जाता है।

इस पोस्ट के लिए शैक्षणिक योज्यता बीडीएस या बीएएमएस, हैल्थ केयर या लॉजस्टिक या अस्पताल प्रबंधन में एमबीए, कम्प्युटर प्रोफेन्सेंसी और मैट्रिक तक हिंदी या संस्कृत होना आवश्यक बताया गया। आवेदकों ने बताया कि कोइ युवक बीडीएस करने के बाद एमबीए नहीं करेगा। अगर कोई एमबीए कर भी लेता है तो उसे कम्प्युटर का ज्ञान नहीं होगा। यह शैक्षणिक योज्यता तो बेमेली है, जिसका इस पोस्ट से कोई सम्बंध नहीं बनता।

एक आवेदक के अभिभावक प्रदीप कुमार ने बताया कि उन्होने इस बारे में मिशन निदेशक से मिलने का प्रयास किया तो उन्होने मिलने से इंकार करते हुए उप-निदेशक से मिलने को कह दिया। परन्तु उप-निदेशक भी अभिभावकों ने नहीं मिले और फिर किसी मीटिंग में बैठ गए। प्रदेश के दूर दराज से पहुंचे आवेदक इंतजार करके चले गए। क्योकि आवेदक एक सौ से चार सौ किलोमीटर की दूरी तय करके आए हुए थे।

इस बारे में सभ्य समाज हरियाणा ने इस पोस्ट को रद्द करने की मांग की है। समाज के अध्यक्ष धमेंन्द्र जांगड़ा ने कहा है कि हैल्थ मिशन दूर दराज से आए आवेदकों को हर्जाना दें और इस बारे में अधिकारी अपना स्पष्टीकरण देकर बताएं की गलती किस स्तर पर हुई है? उन्होने यह भी कहा कि गलती करने वाले अधिकारी या कर्मचारी की जिम्मेदारी तय की जाए।

error: Content is protected !!